Heavy Rains: भिंड। लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर है। नदियों के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न हो गई हैं। ऐसा ही बाढ़ का एक मामला मध्यप्रदेश के भिंड जिले का है। जहां भारी बारिश की वजह से अवैध उत्खनन की पोल ही खुल गई। यहां के सिंध नदी में अचानक तेज बारिश से एकाएक बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इसके चलते सिंध नदी के अंदर से रेत भर रहे ट्रक एवं डंपर तेज पानी के बहाव में फंस गए। जिसके बाद कई ड्राइवरों ने तो वाहनों से कूदकर रस्सी के सहारे बाहर निकल कर अपनी जान बचाई। ऐसे में अब प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं ।
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दरअसल एनजीटी के प्रतिबंधों के बावजूद भी जिले में किस प्रकार से अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है इसकी नमूना उस समय देखने को मिली जब ग्वालियर चंबल अंचल में हुई तेज बारिश के बाद सिंध नदी में एकाएक पानी आ गया। जिसके चलते रेत भरने के लिए खड़े ट्रक और डंपर नदी के बहाव में आ गए। वाहनों को डूबता देख ड्राइवर अपनी जान बचा कर वाहन छोड़कर भाग खड़े हुए।
Heavy Rains: यह स्थिति तब है जबकि 30 जून से वर्षा काल को देखते हुए एनजीटी के आदेशों का हवाला देकर कलेक्टर द्वारा रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान केवल पहले से अनुमति लेकर भंडारित किए गए रेत के स्टॉक को ही बेचा जा सकता है। लेकिन वर्षा काल से कुछ ही समय पूर्व खनन शुरू करने वाली शिवा कॉरपोरेशन ने एनजीटी और कलेक्टर के आदेशों को ताक पर रखते हुए बताते हुए नदी के अंदर से अवैध रूप से रेत का उत्खनन जारी रखा। कुछ दिनों पूर्व भी लहार क्षेत्र की पर्रायंच खदान पर अवैध उत्खनन के वीडियो वायरल हुए थे। लेकिन प्रशासन द्वारा अवैध उत्खनन की बात को नकारते हुए कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई थी। लेकिन इसकी पोल उस समय खुली जब बुधवार को नदी में अचानक से पानी बढ़ गया।
Heavy Rains: आधा सैकड़ा से अधिक ट्रक डंपर नदी के अंदर ही फंस गए। जबकि बड़ी संख्या में वाहन नदी के बाहर भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। रेत माफियाओं द्वारा भी पुलिस प्रशासन की नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में संलिप्तता का जमकर फायदा उठाया जा रहा था। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसी नदी पर बने पांच बड़े पुल पिछले साल आई तेज बाढ़ में कागज की तरह बह गए थे। ऐसे में अगर इतनी ही तेजी से पानी अभी नदी में आ गया तो ये ट्रक कहाँ जायेंगे।