इंदौर (मध्यप्रदेश), एक सितंबर (भाषा) अपने जायकेदार पकवानों के लिए देश-दुनिया में मशहूर इंदौर की रात्रिकालीन सर्राफा चाट-चौपाटी का मसला नगर निगम और आभूषण कारोबारियों के बीच सोमवार को एक बैठक में सहमति बनने के बाद सुलझ गया।
बैठक के बाद आभूषण कारोबारियों के संगठन ने सदी भर पुरानी चाट-चौपाटी को कहीं और ले जाए जाने की मांग वापस ले ली, लेकिन इस चौपाटी से नूडल्स सरीखे चीनी मूल के व्यंजनों और दूसरे विदेशी पकवानों की दुकानें हटाने व कुल दुकानों की तादाद सीमित किए जाने की मांगें रख दीं।
नगर निगम ने इस संगठन की मांगों पर विचार के लिए नौ सदस्यीय समन्वय समिति बना दी है।
सर्राफा चाट-चौपाटी के मुद्दे पर आभूषण कारोबारियों और नगर निगम के बीच बैठक के बाद इंदौर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘बैठक में तय हुआ है कि सर्राफा चाट-चौपाटी, सर्राफा बाजार की अपनी मूल जगह पर ही संचालित होगी।’’
उन्होंने बताया कि उनके संगठन ने नगर निगम से मांग की है कि नूडल्स सरीखे चीनी मूल के व्यंजनों और अन्य विदेशी पकवानों की दुकानें सर्राफा चाट-चौपाटी से हटाई जाएं और चाट-चौपाटी में केवल शहर के पारंपरिक व्यंजनों की दुकानों को ही जगह दी जाए।
सोनी ने कहा कि भुट्टे का कीस, मटर व हरे चने की कचौड़ी, गराड़ू (तलकर पकाया जाने वाला दुर्लभ कंद जिसे चटपटा मसाला छिड़ककर और नींबू निचोड़कर परोसा जाता है), मालपुआ और रबड़ी जैसे पारंपरिक व्यंजन ही सर्राफा चाट-चौपाटी की पहचान हैं और चाट-चौपाटी में खासकर चीनी व्यंजनों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि बामुश्किल 20 फुट चौड़ी और आधा किलोमीटर लंबी गली में संचालित सर्राफा चौपाटी में फिलहाल करीब 225 दुकानें हैं। सोनी ने कहा,‘‘हमने नगर निगम से मांग की है कि व्यंजन पकाने में इस्तेमाल रसोई गैस सिलेंडरों से बड़े अग्निकांड के खतरे के मद्देनजर सर्राफा चाट-चौपाटी की दुकानों की तादाद 60 तक सीमित की जाए और वहां आग बुझाने के लिए पक्की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।’’
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बैठक के बाद कहा,“हम सर्राफा बाजार के कारोबारियों की समस्याएं समन्वय समिति के जरिये हल करेंगे। श्राद्ध पक्ष के बाद सर्राफा चाट-चौपाटी की पारंपरिक दुकानें सुंदर, सुरक्षित और अनुशासित स्वरूप में नजर आएंगी।’’
हर रोज रात आठ बजे के बाद जेवरात की दुकानें बंद होते ही सर्राफा बाजार, सर्राफा चाट-चौपाटी में बदल जाता है और इन दुकानों के बाहर व्यंजनों के प्रतिष्ठान सजने लगते हैं।
स्वाद का यह पारंपरिक बाजार रात दो बजे तक खुला रहता है जहां इंदौर के लोगों के साथ ही देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों की भी भारी भीड़ रहती है।
इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि इंदौर के होलकर राजाओं के शासनकाल में शुरू हुई सर्राफा चाट-चौपाटी का इतिहास करीब 100 साल पुराना है, हालांकि शुरुआत में वहां खासकर दूध और दूध से बनी मिठाइयां मिलती थीं।
उन्होंने बताया,’शहर भर के अखाड़ों के पहलवान वर्जिश के बाद सर्राफा चाट-चौपाटी पहुंचते थे। बाद में इस चाट-चौपाटी का स्वरूप लगातार बड़ा होता चला गया।’ भाषा हर्ष संतोष
संतोष