बिजली वितरण कंपनियां आंखों में झोंक रही धूल! प्रदेश के लोगों के लिए महंगी और अन्य राज्यों के लिए सस्ती दे रहे बिजली..जानें ऐसा क्यों?

Electricity is expensive in MP: मध्य प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियां प्रदेश के ही लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।

  • Reported By: Abhishek Sharma

    ,
  •  
  • Publish Date - February 4, 2024 / 05:45 PM IST,
    Updated On - February 4, 2024 / 05:45 PM IST

Electricity is expensive in MP : जबलपुर। मध्य प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियां प्रदेश के ही लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है। या यूं कहे कि अपने ही प्रदेश को लूटने में लगी है तो गलत नहीं होगा। दरअसल मध्य प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियां जो अपने आप को बिजली उत्पादन में सरप्लस स्टेट बताती है वह बाहर कम दामों में बिजली बेच रही है। जबकि अपने ही प्रदेश के उपभोक्ताओं को एक से दो रुपये प्रति यूनिट महंगी बिजली सप्लाई कर रही है। अब सवाल यह उठता है कि बिजली कंपनियां दोहरा स्टैंडर्ड आखिर क्यों अपना रही है। क्योंकि मध्य प्रदेश बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में जो प्रस्ताव पिछले वित्तीय वर्ष के लिए भेजे हैं।

read more : Mauni Amavasya 2024 : कब है मौनी अमावस्या? यहां देखें व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त 

Electricity is expensive in MP : उसी में इस बात का खुलासा हुआ है,बिजली कंपनियां दोहरा स्टैंडर्ड अपनाते हुए बाहर सस्ती बिजली बेच रही है। वहीं प्रदेश के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 2 रुपये तक महंगी बिजली की सप्लाई कर रही है। जबकि मध्य प्रदेश की बिजली उत्पादन में लगी कंपनी जो अपने आपको सर प्लस स्टेट बताती है वो बाहर 4.89 रुपए प्रति यूनिट और अपने ही स्टेट के उपभोक्ताओं को 5.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली सप्लाई कर रही है। यही नहीं बिजली कंपनियों ने आगामी 2024-25 के टैरिफ प्रस्ताव में भी बाहरी राज्यों को सप्लाई की जाने वाली बिजली के लिए 4.89 रुपये प्रति यूनिट जबकि अपने राज्य के उपभोक्ताओं को 6.87 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बेचने का प्रस्ताव भेजा है।

 

अब इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मंच ने की विसंगति दूर करने की मांग मध्य प्रदेश बिजली कंपनियों के इस दोहरे मापदंड के खिलाफ नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ पी जी नाजपांडे ने नियामक आयोग को एक पत्र लिखा है। जिसमें विद्युत कंपनियों की इस विसंगति को दूर कर आम उपभोक्ताओं को भी उसी रेट पर बिजली देने की मांग की गई है। जिस दाम पर बाहरी राज्यों को बिजली बेचने का प्रस्ताव है। मार्गदर्शक मंच का कहना है कि विसंगति दूर नहीं की गई तो इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp