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Fake MBBS Doctor: फर्जी डॉक्यूमेंट पर MBBS कर बना डॉक्टर, अफसर की मां की मौत ने खोली पोल, जानिए कैसे हुआ खुलासा
फर्जी डॉक्यूमेंट पर MBBS कर बना डॉक्टर, अफसर की मां की मौत ने खोली पोल..Fake MBBS Doctor: Became a doctor by doing MBBS on fake documents
Publish Date - June 27, 2025 / 08:26 PM IST,
Updated On - June 27, 2025 / 08:26 PM IST
Fake MBBS Doctor | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
फर्जी दस्तावेज़ों पर MBBS कर बना डॉक्टर,
जबलपुर में बड़ा खुलासा,
गिरफ्तारी पर इनाम घोषित,
जबलपुर: Fake MBBS Doctor: आरक्षण का लाभ लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एमबीबीएस कर डॉक्टर बने सत्येंद्र केवट को गिरफ्तार करने के लिए जबलपुर पुलिस ने इनाम घोषित कर दिया है। लंबे समय से फरार चल रहे इस डॉक्टर को पकड़ने के लिए जबलपुर पुलिस ने 4000 रुपए का इनाम घोषित किया है।
Fake MBBS Doctor: जबलपुर के मार्बल सिटी अस्पताल में पदस्थ सत्येंद्र केवट अपने एक दोस्त बृजराज उइके के नाम से नौकरी कर रहा था। सत्येंद्र ने बृजराज उइके के दस्तावेज लेकर सभी कागजातों में फर्जी तरीके से अपनी फोटो लगवाकर एसटी कोटे का जाति प्रमाण पत्र और आवास प्रमाण पत्र जैसे जरूरी कागजात तैयार करवाए। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने आरक्षण का लाभ लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई की और मार्बल सिटी अस्पताल में डॉक्टर की नौकरी प्राप्त की।
Fake MBBS Doctor: इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब एक रेलवे अधिकारी की मां की इलाज के दौरान मार्बल सिटी अस्पताल में मौत हो गई। इसके बाद जब रेलवे अधिकारी ने डॉक्टर से मिलने की बात कही तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें डॉक्टर से मिलने नहीं दिया। संदेह होने पर जब अधिकारी ने बृजराज उइके का पता लगाया तो वह कटनी में रहने वाला एक पेंटर निकला। इसके बाद रेलवे अधिकारी ने पूरे मामले की शिकायत जबलपुर पुलिस से की। तब से पुलिस फर्जी दस्तावेजों पर डॉक्टर बने सत्येंद्र केवट की तलाश कर रही है।
सत्येंद्र केवट एक फर्जी डॉक्टर है, जिसने आरक्षण का लाभ लेने के लिए दूसरे व्यक्ति के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एमबीबीएस की पढ़ाई की और जबलपुर के मार्बल सिटी अस्पताल में नौकरी कर ली।
"सत्येंद्र केवट को पकड़ने के लिए क्या कार्रवाई हुई है?"
जबलपुर पुलिस ने सत्येंद्र केवट की गिरफ्तारी के लिए ₹4000 का इनाम घोषित किया है और उसे पकड़ने के लिए लगातार तलाश जारी है।
"फर्जी डॉक्टरी करने के लिए सत्येंद्र केवट ने क्या तरीका अपनाया?"
उसने बृजराज उइके नामक व्यक्ति के नाम पर जाति और निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेजों में अपनी फोटो लगाकर फर्जी कागजात बनवाए और मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया।
"सत्येंद्र केवट का फर्जीवाड़ा कैसे उजागर हुआ?"
एक रेलवे अधिकारी की मां की मौत के बाद जब वे डॉक्टर से मिलना चाह रहे थे, तो अस्पताल ने मना कर दिया। जांच करने पर सामने आया कि असली बृजराज उइके तो कटनी का एक पेंटर है।
"क्या 'फर्जी डॉक्टर सत्येंद्र केवट' पर पुलिस केस दर्ज हुआ है?"
हाँ, सत्येंद्र केवट पर फर्जी दस्तावेज बनाने, धोखाधड़ी और नौकरी प्राप्त करने के आरोप में केस दर्ज है और वह फरार है।