MP budget session (रिपोर्टः सुधीर दंडोतिया) भोपालः 25 मार्च तक चलने वाला एमपी विधानसभा का बजट सत्र 9 दिन पहले ही समाप्त हो गया। समय से पहले सत्रावसान के लिए सरकार और विपक्ष दोनों एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। विपक्ष ने सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया और अब स्पीकर और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। वहीं सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर सदन में हंगामा करने का आरोप लगाया। तय वक्त से पहले बजट सत्र तो खत्म हो गया लेकिन सियासत अभी भी जारी है।
MP budget session भारी हंगामे के बीच एमपी विधानसभा का बजट सत्र तय समय से 9 दिन पहले ही खत्म हो गया। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सदन में हंगामा किया। कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को दिए गए नोटिस पर भी विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाए। गोविंद सिंह ने इसपर विरोध दर्ज करवाया। हंगामे के बीच तमाम विधेयकों को बिना बहस के ही सरकार ने पास करा लिया।
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सत्रावसान और विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस अगले सत्र में सरकार और स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। कांग्रेस विधायकों ने पूरे प्रकरण को लोकतंत्र की हत्या करार दी।
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मध्यप्रदेश का बजट सत्र 25 मार्च तक चलना था लेकिन सत्र 16 मार्च को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। जिसके लिए कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अगर पिछले सत्र को छोड़ दिया जाय तो मध्यप्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही तय समय से पहले ही खत्म होती रही है। प्रदेश में जनहित से जुड़े मुद्दे विधानसभा में उठाये जाते हैं। विधानसभा की कार्यवाही जल्द खत्म होना निश्चित तौर पर लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है। हालांकि सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाकर जबाबदेही से बचते नजर आ रहे हैं।
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