Jihadis attacked jail
भोपालः NCRB की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के रेप के मामलों में अव्वल आने के बाद सरकार सख्त हो गई है। अब मध्यप्रदेश में आजीवन कारावास 14 साल की सजा नहीं, बल्कि दोषी को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा। सरकार ने प्रदेश में 2012 से लागू नीति में संशोधन कर दिया है। जघन्य अपराध करने वालों पर ये नीति लागू होगी।
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों ने एक बार फिर मध्यप्रदेश के माथे पर कलंक का टीका लगा दिया है। जिसके बाद सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने फैसला किया है कि रेप समेत गंभीर अपराधों में आजीवन कारावास की सजा पाए दोषियों को आखिरी सांस तक जेल में ही रहना होगा। इनमें आतंकी, बच्चियों से ज्यादती करने वाले, गैंगरेप, जहरीली शराब बनाने वाले, विदेशी मुद्रा से जुड़े अपराधी और दो या दो से ज्यादा मामले में हत्या के दोषी शामिल हैं। इतना ही नहीं इनमें सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान हत्या का अपराध करने वाले दोषी भी शामिल होंगे। हालांकि, कांग्रेस इस कवायद पर सवाल उठा रही है।
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गुरुवार को मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित नीति को लेकर अफसरों से चर्चा भी की है। अब ये नीति कितनी कारगार साबित होती है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।