MP News: फर्जीवाड़े की फाइल खुली तो हड़कंप मच गया… शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के नाम पर हुआ खेल, 5 के खिलाफ FIR दर्ज

फर्जीवाड़े की फाइल खुली तो हड़कंप मच गया...MP News: When the fraud file was opened, there was a stir... In the education department

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  • Publish Date - June 13, 2025 / 06:30 PM IST,
    Updated On - June 13, 2025 / 06:30 PM IST

MP News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति का फर्जीवाड़ा,
  • DEO ऑफिस में निकला बड़ा घोटाला
  • 5 पर FIR, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी,

रीवा: MP News:  जिले में शिक्षा विभाग के फर्जी अनुकम्पा नियुक्ति मामले में सिविल लाइन थाना अंतर्गत 10 जून 2025 को पाँच लोगों के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन और जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें यह पाया गया कि आरोपितों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर भृत्य के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त की है।

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MP News:  इस आवेदन में जो घटना दर्शाई गई है वह 10 दिसंबर 2024 से 09 अप्रैल 2025 के बीच की है। इसी अवधि में यह फर्जीवाड़ा किया गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब बृजेश कोल को स्कूल प्राचार्य द्वारा वेतन देने से मना कर दिया गया क्योंकि बृजेश कोल ने आवश्यक दस्तावेज स्कूल कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराए थे। इसके बाद अन्य अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त लोगों के दस्तावेजों की भी जांच की गई जिससे पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।

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MP News:  इस मामले में हीरा मणि रावत, ओम प्रकाश कोल,सुषमा कोल, विनय रावत एवं राम प्रसन्न धर द्विवेदी जो कि लिपिक के पद पर DEO ऑफिस में पदस्थ थे और इन्हीं के सहयोग से इन लोगों ने गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए। अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सबसे बड़ी बात इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड कौन है। इतने बड़े फर्जीवाड़े में एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता जो अकेले अंजाम दे सके। क्योंकि की किसी भी अनुकम्पा नियुक्ति में एक व्यक्ति की सहमति से नहीं होती अनुकम्पा नियुक्ति पाने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है और कई लोगों की अनुशंसा लगती है लेकिन उन सभी को अभी तक इस मामले से दूर रखा गया जब की इसमें पूरी कमेटी बनाई जाती है। वह कमेटी भी दोषी हो सकती है।

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MP News:  हालांकि अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। पूरे मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बताया कि 5 लोगों पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर भृत्त के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त की थी जिनके ऊपर FIR दर्ज की गई है। जिसमें आगे की जांच की जा रही है। IBC 24 ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद से शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच हुआ है।

"अनुकंपा नियुक्ति" क्या होती है और इसका उद्देश्य क्या है?

"अनुकंपा नियुक्ति" एक सरकारी नीति है जिसके तहत किसी कर्मचारी की मृत्यु या गंभीर विकलांगता की स्थिति में उसके आश्रित को मानवीय आधार पर नौकरी दी जाती है ताकि परिवार की आर्थिक मदद हो सके।

फर्जी "अनुकंपा नियुक्ति" कैसे की जाती है?

फर्जी "अनुकंपा नियुक्ति" मामलों में आरोपित झूठे मृत्यु प्रमाण पत्र, रिश्ता साबित करने वाले कागजात या अन्य कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हैं और सरकारी तंत्र में मिलीभगत से नौकरी हासिल कर लेते हैं।

क्या फर्जी "अनुकंपा नियुक्ति" में शामिल कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई होती है?

हाँ, ऐसे मामलों में IPC की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने का मामला दर्ज होता है और गिरफ्तारी व सजा का प्रावधान है।

"अनुकंपा नियुक्ति" प्रक्रिया में कौन-कौन सी जांच कमेटियाँ शामिल होती हैं?

इस प्रक्रिया में विभागीय अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, चयन समिति और कई बार राज्य स्तर की समीक्षा समितियाँ शामिल होती हैं। इसलिए बिना मिलीभगत के फर्जी नियुक्ति असंभव होती है।

क्या फर्जी "अनुकंपा नियुक्ति" मामले की रिपोर्ट IBC 24 पर दिखाई गई थी?

हाँ, IBC 24 ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और आगे की जांच प्रक्रिया तेज की गई।