Rewa News: 1400 की खाद को बेच रहे थे 4000 में! किसानों की सब्सिडी वाली खाद चुराकर चला रहे थे धंधा, ट्रक से लेकर गोदाम तक छापा
1400 की खाद को बेच रहे थे 4000 में...Rewa News: Fertilizer worth Rs. 1400 was being sold for Rs. 4000! They were running a business by
Rewa News | Image Source | IBC24
- रीवा में अवैध खाद कारोबार का भंडाफोड़,
- ट्रक और गोदाम से सैकड़ों बोरी खाद जब्त, दो गिरफ्तार,
- रीवा पुलिस-प्रशासन की बड़ी कार्रवाई,
रीवा: Rewa News: रीवा जिले के चोरहटा थाना क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में खाद के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है। इस कार्रवाई के दौरान एक ट्रक से भारी मात्रा में अवैध रूप से ले जाई जा रही खाद जब्त की गई वहीं मौके से दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त एक खाद गोदाम पर छापा मारकर 600 बोरी खाद भी बरामद की गई है।
Rewa News: इस कार्रवाई की शुरुआत उस समय हुई जब चोरहटा पुलिस को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि एक ट्रक में बिना वैध दस्तावेजों के भारी मात्रा में खाद परिवहन की जा रही है। सूचना के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी कर ट्रक को रोका और तलाशी ली। ट्रक चालक दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा जिसके बाद ट्रक को जप्त कर लिया गया। जैसे ही मामले की सूचना पुलिस अधीक्षक को मिली उन्होंने तुरंत सख्त निर्देश जारी किए। इसी दौरान सूचना मिली कि अवैध कारोबार से जुड़े दो आरोपी एक कार में सवार होकर मौके से फरार हो रहे हैं। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
Rewa News: इस पूरी कार्रवाई की जानकारी कलेक्टर, एसडीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी गई। इसके बाद प्रशासन ने विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में स्थित एक गोदाम पर छापा मारा जहां से लगभग 600 बोरी खाद जब्त की गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि खाद की इस अवैध आपूर्ति का नेटवर्क उत्तर प्रदेश तक फैला हो सकता है। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत धारा 3/7 ईसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Rewa News: पुलिस और प्रशासन देर रात तक आरोपियों से पूछताछ में जुटे रहे और संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में इस गोरखधंधे से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी युक्त खाद की कीमत बाजार में करीब 4000 रुपये प्रति बोरी है जबकि यह किसानों को मात्र 1400 रुपये में उपलब्ध कराई जाती है। इसी अंतर का फायदा उठाकर कुछ लोग लंबे समय से अवैध रूप से खाद की कालाबाजारी कर रहे थे।

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