Devi Sharda Satna: देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है देवी का ये धाम, बुंदेलखंड के लोकनायक ने की थी मां की कठोर तपस्या

Devi Sharda Satna: देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है देवी का ये धाम, बुंदेलखंड के लोकनायक ने की थी मां की कठोर तपस्या

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  • Publish Date - October 22, 2023 / 03:47 PM IST,
    Updated On - October 22, 2023 / 03:47 PM IST

Devi Sharda Satna: देवी शारदा का दिव्य धाम मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर में स्थित है। देवी का ये सिद्ध धाम देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। यहां देवी के दर्शन मात्र से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां शारदा सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ये वो सिद्ध स्थल है जहां कल्याणकारी शक्तियों का जन्म हुआ है। ये वो पवित्र धाम है जहां देवी का चमत्कारिक स्वरूप भक्तों को शक्ति देता है । यहां आस्था का मेला लगता है, यहां श्रद्धा का शंखनाद होता है। भक्त जैसे ही इस दरबार में शीश नवाते हैं, देवी शारदा उनके सारे कष्ट हर लेती हैं।

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स्थान का नाम पड़ा था माई का हार

मैहर वाली देवी के इस भव्य मंदिर के साथ कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार सती के पिता दक्ष ने जब शिव का अपमान किया और देवी सती अपने पति का अपमान सह न सकी तो वे वहां मौजूद यज्ञ के हवन कुंड में कूद गई जिससे चारों ओर कोहराम मच गया। तब भगवान शिव ने क्रोध में आकर यज्ञ को तहस-नहस कर दिया। देवी सती के शव को यज्ञ की अग्नि से निकाल कर भगवान शिव ने अपने कंधे पर उठा लिया और ब्रह्मांड में विचरण करने लगे थे। उस समय सती के अंग कई स्थानों पर गिरते चले गए। जहां भी उनके अंग गिरे वो स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया । कहते हैं मैहर में सती का हार गिरा था । इस लिए इस स्थान का नाम पड़ा माई का हार, जो कि सदियों के सफ़र में बदलकर हो गया मैहर।

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बुंदेलखंड के लोकनायक थे माता के अनन्य भक्त

Devi Sharda Satna: देवी शारदा के बारे में दुर्गा सप्तशती और देवी भागवत में भी उल्लेख मिलता है। इस मंदिर के विषय में एक और कथा प्रचलित रही है, जो जुड़ा है बुंदेलखंड के लोकनायक आल्हा नामक से कहते हैं आल्हा देवी शारदा के अनन्य भक्त थे। उन्होंने देवी की अखंड भाव से तपस्या की। कहते हैं उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें यहां साक्षात दर्शन दिया था। कहा ये भी जाता है कि आल्हा को देवी से शाश्वत भक्ति का वरदान भी मिला था।

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