Baba Mahakal Sawari: सावन में अलग-अलग थीम पर निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी, संगीत, नृत्य और भक्ति भाव से ओतप्रोत होंगे कार्यक्रम

Baba Mahakal Sawari: सावन में अलग-अलग थीम पर निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी, संगीत, नृत्य और भक्ति भाव से ओतप्रोत होंगे कार्यक्रम

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  • Publish Date - July 6, 2025 / 02:04 PM IST,
    Updated On - July 6, 2025 / 02:08 PM IST

Baba Mahakal Sawari/Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • इस बार उज्जैन में विशेष रूप से मनाया जाएगा सावन।
  • सावन में अलग-अलग थीम पर निकलेगी महाकाल की सवारी।
  • महाकाल लोक में शिव स्तुति की विशेष प्रस्तुतियां होंगी।

इंद्रेश सूर्यवंशी/ उज्जैन। Baba Mahakal Sawari: श्रद्धा, संस्कृति और भक्ति का संगम इस बार उज्जैन में विशेष रूप से देखने को मिलेगा। श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इस बार महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने इसे भव्य और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए कई नई पहले की है। हर शाम शिव स्तुति की गूंज इस वर्ष पहली बार महाकाल लोक में प्रतिदिन शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक शिव स्तुति की विशेष प्रस्तुतियां होंगी। कलाकार भगवान शिव की आराधना करते हुए संगीत, नृत्य और भक्ति भाव से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसमें उन कलाकारों को भी अवसर दिया जाएगा, जिन्हें श्रावण महोत्सव की मुख्य सूची में स्थान नहीं मिला था।

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बता दें कि, महाकाल की सवारी में इस बार पांच अनोखी थीमें महाकाल की परंपरागत सवारी इस बार अलग-अलग थीम के साथ निकलेगी, जो प्रत्येक सोमवार को भव्य रूप में नगर भ्रमण करेगी। सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है ऐसे में  पहली सवारी- वैदिक उद्घोष थीम पर निकलेगी। बटुकों के दो दल वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए शामिल होंगे। 21 जुलाई – दूसरी सवारी- इसमें आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, जिसमें पारंपरिक आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।

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28 जुलाई तीसरी सवारी- पुलिस, सेना और निजी बैंड के संयुक्त दल के साथ यह सवारी निकाली जाएगी। 4 अगस्त – चौथी सवारी: इस दिन की सवारी ‘पर्यटन थीम’ पर आधारित होगी, जो उज्जैन की धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाएगी। 11 अगस्त – पांचवीं सवारी- पूर्ण धार्मिक वातावरण में निकाली जाएगी, जिसमें धार्मिक झांकियां और आराधना की झलक होगी।

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Baba Mahakal Sawari: 18 अगस्त – राजसी सवारी- परंपरा के अनुसार बाबा महाकाल की अंतिम सवारी निकलेगी, जो भव्यता का प्रतीक होगी। दर्शन व्यवस्था में बदलाव श्रावण और भादौ मास के प्रत्येक सोमवार को गेट नंबर 4 से श्रद्धालुओं का प्रवेश दोपहर 12 बजे के बाद बंद रहेगा। इस दिन शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं को भी गेट नंबर 1 से ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।