RDVV became the first university to get the project from NITI Aayog
complaint of ragging :जबलपुर – मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में रैंगिंग के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। अगर देखा जाए तो कुछ ही दिनों में प्रदेश में यह तीसरा मामला है। इससे पहले कुछ ही दिन पहले रायसेन में भी रैंगिंग का मामला सामने आया था। जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के बालक छात्रावास में रैंगिंग का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत सीधे यूजीसी की एंटी रैंगिंग कमेटी के पास पहुंची है। जहां शिकायत में पीड़ित छात्र ने बताया है कि छात्रावास के चार सीनियर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते है। उन्होंने प्रताड़ना की सभी हदों को पार कर दिया है। पीड़ित ने बताया है कि उसे शराब और सिगरेट पीने के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसा न करने पर सीनियर्स उसे निर्वस्त्र कर छात्रावास में घुमाते है और सिगरेट से दागते है। वहीं इस शिकायत ने रादुविवि के बालक छात्रावास में आधी रात में होने वाली दरिंदगी से पर्दा उठा दिया है। यूजीसी ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर छात्र पर हुए मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की जांच करते हुए आरोपियों के विरूद्ध ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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complaint of ragging : जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय देवेंद्र छात्रावास में रहकर अध्ययन कर रहे बीएएमसी फर्स्ट ईयर के एक छात्र ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में शिकायत भेजी थी। उनकी प्रताड़ना का दौर यहीं नहीं थमता, रात 2 बजे उसे जबरन ठंडे पानी से नहलाया जाता है और पूरी रात कुर्सी से बांधकर रखा जाता है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान होने वाली मारपीट का तो सहज अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
complaint of ragging : रैगिंग की शिकायतों के चलते बड़ी कार्रवाई के लपटे में आने से बचने के लिए छात्रावास के कुछ छात्रों ने कुलपति प्रो कपिल देव मिश्र और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए विश्वविद्यालय की दीवारों में उनके खिलाफ नारे लिखे जा रहे हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन मौन साधे हुए है। पूर्व में कई मामले प्रकाश में आए हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसमें पर्दा डाल दिया, लेकिन रैंगिग के नाम पर होने वाले इस अत्याचार को यदि कोई छात्र बर्दाश्त नहीं कर पाया। तब कौन उस घटना का जिम्मेदार होगा ।