मुंबई, दो दिसंबर (भाषा) नासिक में लगने वाले कुंभ मेले में साधु संतों के निवास के लिए प्रस्तावित ‘साधु ग्राम’ के लिए पेड़ों की कटाई की योजना के तीखे विरोध के बीच नगर आयुक्त ने मंगलवार को कहा कि चिह्नित 1,700 से अधिक पेड़ों में से 60 प्रतिशत को काटा नहीं जाएगा।
नासिक नगर निगम की आयुक्त मनीषा खत्री ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नासिक में 2015 में पिछली बार कुंभ मेला आयोजित किया गया था और उस समय जो पेड़ थे, उन्हें काटा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुराने, देशी प्रजातियों के पेड़ों को छोड़ दिया जाएगा।
अक्टूबर 2026 में आयोजित किये जा रहे कुंभ मेले में आने वाले साधु-संतों के लिए ‘साधु ग्राम’ बनाने के लिए तपोवन क्षेत्र में 1700 से अधिक पेड़ों को काटने की नगर निगम की कथित योजना का नागरिक समाज ने पुरजोर तरीके से विरोध किया है।
खत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं 60-70 प्रतिशत से अधिक पेड़ों को बचा लूंगी। सभी देसी प्रजाति के पेड़ बच जाएंगे, सभी बड़े पेड़, पुराने पेड़ बच जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि केवल ‘न्यूनतम संख्या’ में उन पेड़ों को हटाया जाएगा जो स्थानिक नहीं हैं और 2015 के बाद लगाए गए हैं।
खत्री ने कहा कि पेड़ों की संख्या जानने के लिए सर्वेक्षण किया गया था, लेकिन ‘एक्स’ चिह्न लगाने का अभिप्राय यह नहीं है कि ऐसे सभी पेड़ों को काटने के लिए चुना गया है।
नगर आयुक्त ने दावा किया कि 2015 के गूगल डेटा से पता चलता है कि इलाका मैदान था, और इसके बाद जो पेड़-पौधे दिखाई दे रहे हैं वे ‘विदेशी प्रजातियों की परजीवी घुसपैठ’ के कारण हैं।
खत्री ने कहा, ‘‘वे (प्रदर्शनकारी) कह रहे हैं कि पेड़ों को काटने का फैसला लिया गया है, जो गलत है। हमने केवल एक सर्वेक्षण किया है और साधु ग्राम का एक खाका तैयार किया गया है। योजना बनाई गई है। इसके मुताबिक जो भी पेड़ बचाए जा सकते हैं या प्रत्यारोपित किए जा सकते हैं, उनके लिए हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।’’
भाषा धीरज नरेश
नरेश