महाराष्ट्र में महानगर पालिका चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं

महाराष्ट्र में महानगर पालिका चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं

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  • Publish Date - December 31, 2025 / 05:12 PM IST,
    Updated On - December 31, 2025 / 05:12 PM IST

मुंबई, 31 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र में 15 जनवरी को 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ ‘महायुति’ और विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने एक समान सीट-बंटवारे के फार्मूले को अपनाने का प्रयास करना अब छोड़ दिया है, जिससे बहुकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है।

मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही, दलों ने शहर-विशिष्ट गठबंधन बना लिए, जिससे नेताओं को एक ही दिन एक शहर में किसी पार्टी की आलोचना करते हुए और दूसरे शहर में उसी पार्टी के साथ मंच साझा करते हुए देखा गया।

भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना सोमवार तक ज्यादातर सीट पर एक साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार दिख रही थीं। लेकिन मंगलवार तक ‘महायुति’ में दरारें सामने आने लगीं। कांग्रेस ने भी कई शहरों में स्थानीय स्तर पर समझौते किए, जिससे राज्य स्तर पर एमवीए की एकजुटता की पेश की गई छवि धुंधली पड़ती नजर आई।

राज्य की राजनीति में प्रतिद्वंद्वी बने रहने के बावजूद, अजित पवार और शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा (एसपी) के गुटों ने पुणे और पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका चुनावों में हाथ मिला लिया। इसके विपरीत, अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने नागपुर में अकेले चुनाव लड़ने का विकल्प चुना, जबकि अकोला में भाजपा के साथ गठबंधन किया।

‘महायुति’ 29 महानगरपालिकाओं में से 24 में सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने में विफल रही, जिसके चलते उसके घटक दलों – भाजपा, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राकांपा – को एक-दूसरे के खिलाफ सीधे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन शहरों में जालना, परभणी, लातूर, अमरावती, पिंपरी-चिंचवड़, छत्रपति संभाजीनगर, सोलापुर, अकोला, मालेगांव, नांदेड़, नागपुर, सांगली, नासिक, धुले, पुणे, मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर, नवी मुंबई, मीरा-भयंदर, भिवंडी और वसई-विरार शामिल हैं।

भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने अपने गठबंधन को अकोला, अहिल्यानगर और पनवेल तक सीमित रखा, जबकि भाजपा और शिवसेना केवल चंद्रपुर, नागपुर, मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और भिवंडी में एक साथ आए।

‘महायुति’ के साझेदार इचलकरंजी, कोल्हापुर, जलगांव और पनवेल में भी आमने-सामने हैं।

एमवीए में नागपुर, मालेगांव, परभणी, लातूर, छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, सांगली, कोल्हापुर, जलगांव, पुणे, मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर, नवी मुंबई, मीरा-भयंदर, भिवंडी और वसई-विरार समेत 17 महानगरपालिकाओं में एकजुटता का अभाव देखा गया।

कांग्रेस ने प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के साथ केवल मुंबई में गठबंधन किया, जबकि पुणे में इसी तरह का गठबंधन करने के प्रयास स्थानीय नेताओं के विरोध के कारण विफल हो गए। शिवसेना (उबाठा), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) ने मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर और कल्याण-डोम्बिवली में गठबंधन किया।

सीट बंटवारे के समझौते के तहत भाजपा को 227 चुनावी वार्ड में से 137 वार्ड मिले हैं, जबकि शिवसेना 90 सीट पर चुनाव लड़ेगी। आरपीआई के उम्मीदवार भाजपा के कोटे वाली सीट से चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस, वीबीए और आरएसपी क्रमशः 139, 62 और 10 सीट पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं शिवसेना (उबाठा) ने 164 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि मुंबई में उसकी सहयोगी मनसे और राकांपा (एसपी) को क्रमशः 53 और 10 सीटे मिली हैं। अजित पवार की राकांपा 60-70 सीट पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी।

आगामी महानगरपालिका चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना अगले दिन होगी।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव