भाजपा मगरमच्छ या अजगर की तरह, अपने साथ वालों को ही निगल लेती है : संजय राउत

भाजपा मगरमच्छ या अजगर की तरह, अपने साथ वालों को ही निगल लेती है : संजय राउत

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  • Publish Date - May 27, 2023 / 10:34 PM IST,
    Updated On - May 27, 2023 / 10:34 PM IST

मुंबई, 27 मई (भाषा) शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी पार्टी के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने की शिकायत करने के एक दिन बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मगरमच्छ या अजगर की तरह है, जो कोई भी उसके साथ होता है, उसे वह ‘‘निगल’’ लेती है।

पत्रकारों से बातचीत में राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद तत्कालीन अविभाजित शिवसेना और भाजपा की राहें जुदा होने का हवाला देते हुए कहा कि यही कारण था कि उनकी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 2019 में भाजपा से दूरी बना ली।

राउत ने कहा, ‘‘शिवसेना ने खुद को भाजपा से दूर कर लिया, क्योंकि पार्टी इसे खत्म करने की कोशिश कर रही थी। भाजपा मगरमच्छ या अजगर की तरह है। जो भी उनके साथ जाता है, वे उसे निगल जाते हैं। अब वे (शिवसेना सांसद और विधायक, जिन्होंने नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी) महसूस करेंगे कि इस मगरमच्छ से दूरी बनाने का उद्धव ठाकरे का कदम सही था।’’

राज्यसभा सांसद ने कहा कि भाजपा के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है, आज भी वह वैसा ही व्यवहार करती है।

विपक्षी खेमे के मुख्यमंत्रियों के नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने पर राउत ने कहा, ‘‘यदि गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करते हैं, तो इसका मतलब है कि केंद्र और नीति आयोग उनके या राज्य सरकारों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं करते हैं। वे नाराज हैं।’’

राउत ने आरोप लगाया कि जो चाटुकारिता का सहारा नहीं लेते, नीति आयोग उनकी मांग पूरी नहीं करता और यह बात सभी जानते हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में काफी बेचैनी है।

राउत ने कहा, ‘‘गजानन कीर्तिकर ने जो बात कही है, वही शिवसेना (यूबीटी) का भी रुख है। वे (भाजपा) अपनी बात पर कायम नहीं रहे। उन्होंने शिवसेना के विधायकों को फंड नहीं दिया और शिवसेना नेताओं का अपमान करने का प्रयास किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसी कारण से महाराष्ट्र और पार्टी के सम्मान के लिए उद्धव ठाकरे ने अलग होने का फैसला लिया।’’

शिवसेना सांसद कीर्तिकर ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘हम राजग का हिस्सा हैं… इसलिए हमारा काम उसी के अनुसार होना चाहिए और (राजग) घटकों को (उपयुक्त) दर्जा मिलना चाहिए। हमें लगता है कि हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।’’

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 2019 में राजग से बाहर हो गई थी।

तीनों दलों ने महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का गठन किया था। पिछले साल शिवसेना में फूट के बाद शिंदे ने भाजपा से हाथ मिला लिया था और मुख्यमंत्री बन गए थे।

भाषा आशीष पारुल

पारुल