आईएमए से जुड़े चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र में 24 घंटे की हड़ताल की चेतावनी दी

आईएमए से जुड़े चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र में 24 घंटे की हड़ताल की चेतावनी दी

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  • Publish Date - September 17, 2025 / 07:15 PM IST,
    Updated On - September 17, 2025 / 07:15 PM IST

मुंबई, 17 सितंबर (भाषा) भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की महाराष्ट्र शाखा ने आधुनिक औषध विज्ञान में सर्टिफिकेट कोर्स (सीसीएमपी) पूरा करने वाले होम्योपैथिक डॉक्टरों के पंजीकरण की अनुमति देने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ 18 सितंबर को 24 घंटे की हड़ताल करने की बुधवार को धमकी दी।

आईएमए महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. संतोष कदम ने कहा कि राज्यभर के लगभग 1.8 लाख एलोपैथिक डॉक्टर हड़ताल में शामिल होंगे।

इस साल जुलाई में राज्य सरकार ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (एमएमसी) को निर्देश दिया था कि वह उन होम्योपैथिक डॉक्टरों का पंजीकरण करे, जिन्होंने आधुनिक औषध विज्ञान में एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स (सीसीएमपी) पूरा कर लिया है, ताकि उन्हें चुनिंदा मामलों में मरीजों को एलोपैथिक दवाएं लिखने की अनुमति मिल सके।

इस संबंध में पांच सितंबर को एक नया सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया था, जिस पर एलोपैथिक चिकित्सकों ने आपत्ति जताई है।

कदम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमारे प्रतिनिधियों ने बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उन्हें अपनी शिकायतों पर ज्ञापन सौंपा। हम 24 घंटे की हड़ताल पर जा रहे हैं, जो 18 सितंबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी। राज्यभर के सरकारी और निजी अस्पतालों के सभी चिकित्सक और छात्र इस हड़ताल में शामिल होंगे।”

हालांकि, उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं जारी रहेंगी।

आईएमए ने महाराष्ट्र सरकार से पांच सितंबर के जीआर को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

कदम ने कहा कि सरकार और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर संगठनों, सेंट्रल महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमएआरडी) और बीएमसी एमएआरडी ने इस कदम का विरोध करते हुए हड़ताल में हिस्सा लेने का संकल्प लिया है।

सरकार 17 सितंबर से एमएमसी के साथ होम्योपैथिक डॉक्टरों का अलग पंजीकरण शुरू करेगी, जिससे सीसीएमपी पूरा करने वाले होम्योपैथिक डॉक्टरों को चुनिंदा मामलों में एलोपैथिक दवाएं लिखने की अनुमति मिल जाएगी।

‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष डॉ. अक्षय डोंगरदिवे ने चेतावनी दी कि अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है, तो डॉक्टर देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे, यहां तक ​​कि जनता को “जोखिमों” के बारे में बताने के लिए सड़कों पर भी उतरेंगे।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश