जगन ने कल्याणकारी योजनाओं और वाईएसआरसीपी के लिए शराब से रिश्वत की अनुमति दी : एसआईटी

जगन ने कल्याणकारी योजनाओं और वाईएसआरसीपी के लिए शराब से रिश्वत की अनुमति दी : एसआईटी

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  • Publish Date - April 26, 2025 / 07:23 PM IST,
    Updated On - April 26, 2025 / 07:23 PM IST

अमरावती, 26 अप्रैल (भाषा) पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान कथित 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मुख्य आरोपी ने ‘कबूल’ किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने उसे एक आबकारी नीति तैयार करने की अनुमति दी थी, जिससे राज्य और पार्टी (वाईएसआरसीपी) के लिए राजस्व पैदा होता। एसआईटी के एक अधिकारी ने उसकी रिमांड रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी।

हालांकि, वाईएसआरसीपी ने आरोपों को खारिज कर दिया और आंध्र प्रदेश में तेदेपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार पार्टी नेताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित शराब घोटाले का आरोप लगा रही है और इसे प्रचारित करने के लिए मीडिया का सहारा ले रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘स्वीकारोक्ति के दौरान, उन्होंने (कासिरेड्डी राज शेखर रेड्डी) कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने उन्हें एक आबकारी नीति तैयार करने की अनुमति दी थी, जिससे राज्य के लिए अधिक राजस्व पैदा हो सके और सरकार एक तरफ कल्याणकारी उपायों के लिए इसका उपयोग कर सके और दूसरी तरफ पार्टी फंड प्राप्त कर सके।’

हालांकि, रेड्डी ने अपने ‘स्वीकारोक्ति बयान’ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।

विशेष जांच दल के अधिकारी ने रिपोर्ट में कहा कि रेड्डी (जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया था) की पहचान 2019 और 2024 के बीच कथित रिश्वत-संचालित शराब व्यापार में आरोपी व्यक्ति संख्या एक (ए1) के रूप में की गई है।

विजयवाड़ा की एक स्थानीय अदालत में पेश की गई रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि रेड्डी (जो कथित तौर पर जगन मोहन रेड्डी के आईटी सलाहकार के रूप में काम करता थे) अन्य व्यक्तियों के साथ लोकप्रिय शराब ब्रांड को बंद करने और ‘ब्लू-आइड ब्रांड्स’ (पसंदीदा ब्रांड्स) को बढ़ावा देने के लिए काम किया।

हाल ही में अदालत को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अब तक की जांच से पता चला है कि कासिरेड्डी राज शेखर रेड्डी 2019-2024 के दौरान एपी (आंध्र प्रदेश) में रिश्वत से संचालित शराब व्यापार की योजना बनाने में आपराधिक साजिश और निष्पादन में प्रमुख व्यक्ति है।’

मामले की जांच कर रही एसआईटी के अनुसार, कथित तौर पर प्रति माह 60 करोड़ रुपये तक की रिश्वत वसूली जाती थी।

रिपोर्ट में अन्य व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं (जिनकी कथित तौर पर रेड्डी के साथ मिलीभगत थी) जिनमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी धनुंजय रेड्डी भी शामिल हैं।

इस बीच, पूर्व समाज कल्याण मंत्री और वाईएसआरसीपी नेता मेरुगा नागार्जुन ने रिमांड रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि तेदेपा सरकार वाईएसआरसीपी नेताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित शराब घोटाले का विमर्श गढ़ रही है।

उन्होंने कथित घोटाले को मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा रचा गया एक राजनीतिक नाटक बताया, जिसे तेदेपा के पिछले शराब घोटालों और गठबंधन सरकार की कथित चल रही अनियमितताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए रचा गया है।

नागार्जुन ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एसआईटी रिपोर्ट (रिमांड रिपोर्ट) मनगढ़ंत है और इसमें विश्वसनीय सबूतों का अभाव है। वाईएसआरसीपी के कार्यकाल (2019-24) के दौरान तथाकथित शराब घोटाला पूरी तरह से काल्पनिक है।

नागार्जुन ने कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए एसआईटी, मीडिया प्रचार और कानूनविहीन रणनीति का इस्तेमाल कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि तेदेपा के सत्ता में लौटने के बाद चंद्रबाबू नायडू के शराब घोटाले के खिलाफ सीआईडी ​​मामले को चुपचाप ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

भाषा शुभम रंजन

रंजन