न्यायिक प्रक्रिया केवल इसलिए उत्पीड़न का साधन नहीं होनी चाहिए, क्योंकि आरोपी ‘सेलिब्रिटी’ है: अदालत

न्यायिक प्रक्रिया केवल इसलिए उत्पीड़न का साधन नहीं होनी चाहिए, क्योंकि आरोपी ‘सेलिब्रिटी’ है: अदालत

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  • Publish Date - April 11, 2023 / 10:29 PM IST,
    Updated On - April 11, 2023 / 10:29 PM IST

मुंबई, 11 अप्रैल (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने 2019 में एक पत्रकार को कथित तौर पर धमकाने के मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए कहा है कि न्यायिक प्रक्रिया महज इसलिए अनावश्यक उत्पीड़न का जरिया नहीं होनी चाहिए कि आरोपी ‘सेलिब्रिटी (नामचीन हस्ती)’ है।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने 30 मार्च को सलमान खान और उनके अंगरक्षक नवाज शेख की ओर से दायर अर्जियां स्वीकार कर लीं और निचली अदालत द्वारा उन्हें जारी किया समन आदेश और आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया।

मंगलवार को उपलब्ध हुए विस्तृत आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत समन जारी करने से पहले प्रक्रियात्मक आदेश का पालन करने में विफल रही।

आदेश में कहा गया है, ‘‘न्यायिक प्रक्रिया को केवल इसलिए अनावश्यक उत्पीड़न का जरिया नहीं बनने देना चाहिए, क्योंकि आरोपी एक प्रसिद्ध हस्ती है और कानून की प्रक्रिया का पालन किए बिना, उसे एक शिकायतकर्ता के हाथों अनावश्यक उत्पीड़न का शिकार न बनाया जाए।’’

न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा, ‘…और उचित न्याय के लिए, मैं विवादित आदेश को रद्द करना सही समझती हूं।’

उच्च न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट को शिकायतकर्ता के आरोपों को सत्यापित करने के लिए पहले उसका बयान दर्ज करना चाहिए था।

यह मामला एक पत्रकार अशोक पांडे की शिकायत से जुड़ी है, जिसने शिकायत की थी कि उन्हें अभिनेता सलमान खान और उनके अंगरक्षक द्वारा धमकी दी गयी थी और मारपीट भी की गयी थी।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप