नागपुर, 13 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने शनिवार को विधान परिषद में कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा पिछले महीने आईआईटी बंबई का नाम बदलकर आईआईटी मुंबई न करने के संबंध में की गई टिप्पणी से ‘खुश नहीं’ है।
संस्कृति मामलों के मंत्री शेलार ने कहा कि राज्य सरकार न केवल नाखुश है, बल्कि उसने अपनी राय व्यक्त करते हुए केंद्र को एक पत्र भी लिखा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शेलार, सिंह के बयान पर सरकार के रुख के बारे में शिवसेना (उबाठा) के अनिल परब द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
नवंबर के आखिरी सप्ताह में एक समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था,‘‘जहां तक आईआईटी बंबई का सवाल है, शुक्र है कि इसका नाम अब भी यही है। आपने इसे बदलकर मुंबई नहीं किया। यह आपके लिए एक और प्रशंसा की बात है। और यही बात मद्रास के लिए भी सच है। यह आईआईटी मद्रास ही रहेगा।’’
इस बयान पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाद में कहा कि राज्य सरकार आईआईटी बंबई का नाम बदलकर मुंबई करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखेगी।
शनिवार को विधानपरिषद में, परब ने कहा कि आईआईटी बंबई पर केंद्रीय मंत्री के बयान से महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंची है, ऐसे में सरकार अपना रुख स्पष्ट करे।
इसपर शेलार ने कहा,‘‘महाराष्ट्र सरकार का रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि यह ‘बंबई’ नहीं बल्कि ‘मुंबई’ है। सरकार का रुख यह है कि वह उस विशेष बयान से संतुष्ट नहीं है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को पत्र भेजा है। इसलिए, सरकार न केवल नाखुश है बल्कि उसने अपनी राय व्यक्त करते हुए केंद्र को पत्र भी लिखा है।’’
महाराष्ट्र की राजधानी पहले बंबई नाम से जानी जाती थी। राज्य सरकार ने 1995 में आधिकारिक तौर पर उसका नाम बदलकर मुंबई कर दिया, ताकि स्थानीय देवी मुंबादेवी को सम्मान दिया जा सके, जिन पर शहर का नाम रखा गया है। यह कदम ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अवशेषों को मिटाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों के तहत था।
भाषा राजकुमार माधव
माधव