नागपुर, 13 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के पेंच बाघ अभयारण्य में अत्यंत संकटग्रस्त गिद्धों की ‘सॉफ्ट रिलीज’ के तहत जंगल में पहले छोड़े गए गिद्ध हाल ही में आजाद किए गए गिद्धों के साथ घुलते-मिलते और भोजन करते हुए नजर आए, जिसे राज्य के गिद्ध संरक्षण कार्यक्रम के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।
‘सॉफ्ट रिलीज’ से आशय एक क्रमिक पुनर्प्रवेश विधि से है, जिसमें किसी नस्ल के पक्षी या जानवरों को उनके नये आशियाने में छोड़ने से पहले पास में एक बड़े अस्थाई बाड़े में रखकर वहां के वातावरण में ढलने, शिकार करने और जंगल में अस्तित्व बनाए रखने के लिए जरूरी कौशल सीखने का अवसर दिया जाता है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राज्य वन विभाग ने ‘बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ (बीएनएचएस) के सहयोग से पेंच में अस्थाई बाड़े में पाले गए गिद्धों को बृहस्पतिवार को अभयारण्य में छोड़ने के दूसरे चरण की शुरुआत की।
कुल 13 गिद्धों को ‘प्री-रिलीज एवियरी’ में एक सुव्यवस्थित अनुकूलन प्रक्रिया से गुजरने के बाद जंगल में छोड़ा गया। इन गिद्धों को अप्रैल 2025 में हरियाणा के पिंजोर से लाया गया था और जंगल में छोड़ने से पहले स्वतंत्र रूप से अवशेषों को आहार के रूप में ग्रहण करने तथा स्थानीय पर्यावरणीय परिस्थितियों को अपनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
इससे पहले अगस्त 2024 में भी गिद्धों को जंगल में छोड़ गया था। शुक्रवार को इन गिद्धों को नये छोड़े गए गिद्धों के साथ निर्धारित भोजन स्थल पर एक साथ भोजन करते देखा गया।
बीएनएचएस के निदेशक किशोर रिठे ने बताया कि पुराने गिद्धों का नये गिद्धों के साथ इस तरह से घुलते-मिलते देखना व्यवहार के संबंध में एक मजबूत सकारात्मक संकेत है।
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नोमान पारुल
पारुल