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नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा होती है। भक्तजन पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना कर मां से सुख-समृद्धि और शक्ति की कामना करते हैं। भक्तों के लिए दिनभर अलग-अलग शुभ मुहूर्त बताए गए हैं, ताकि सभी भक्त अपनी सुविधा अनुसार पूजा कर सकें।
• ब्रह्म मुहूर्त: 04:35 AM – 05:22 AM (आध्यात्मिक साधना और ध्यान के लिए श्रेष्ठ)
• अभिजीत मुहूर्त: 11:36 AM – 12:24 PM (कलश स्थापना और पूजा का सबसे उत्तम समय)
• निशिता मुहूर्त: 11:50 PM – 12:38 AM (मंत्र सिद्धियों और विशेष पूजन के लिए शुभ)
• अमृत (सर्वोत्तम): 06:09 AM – 07:40 AM
• शुभ (उत्तम): 09:11 AM – 10:43 AM
• चर (सामान्य): 01:45 PM – 03:16 PM
• लाभ (उन्नति): 03:16 PM – 04:47 PM
• अमृत (सर्वोत्तम): 04:47 PM – 06:18 PM
Shardiya Navratri 2025: मान्यता है कि इन बताये गए मुहूर्तों में पूजा करने से मां दुर्गा विशेष कृपा करती हैं और साधक को उन्नति व सफलता मिलती है।
“जयंती मंगला काली भद्र काली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥”
इस मंत्र का श्रद्धा और एकाग्रता से जप करने पर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। ये मंत्र साधक को शांति, शक्ति और समृद्धि प्रदान करता है। मान्यता है कि नवरात्रि के प्रथम दिन इस मंत्र का जाप करने से पूरा नवरात्रि काल मंगलमय हो जाता है।
• सुबह 6 बजे से शाम तक शुभ समय रहेगा।
• अभिजीत मुहूर्त (विशेष महत्व वाला समय) सबसे उत्तम माना गया है।
विशेष अभिजीत मुहूर्त: 11:36 AM से 12:24 PM तक, जो सबसे उत्तम माना गया है।
भक्त आज कलश स्थापना कर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करते हैं और सुख-समृद्धि, शक्ति व शांति की कामना करते हैं।
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