Pitru Paksha 2025 Date/Image Credit: IBC24 File Photo
नई दिल्ली: Pitru Paksha 2025 Date: गणेश चतुर्थी की समाप्ति के बाद पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। पितृ पक्ष पर पितरों को याद किया जाता है। इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से शुरू हो रहा है और इसका समापन 21 सितंबर को होगा। पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण करना महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार पितृ पक्ष पर दो ग्रहणों का साया मंडरा रहा है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि, ग्रहण के दौरान आपको क्या-क्या सावधानी बरतनी है।
Pitru Paksha 2025 Date: आपको बता दें कि, 100 साल बाद पितृपक्ष में दो बड़ी खगोलीय घटना होने वाली है। इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन ग्रहण के साथ हो रही है। पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से होगी। 7 सितंबर को भारतीय समयानुसार, यह चंद्र ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा और इसका समापन रत 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस दौरान चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देगा, जिसे खगोलशास्त्र में ब्लड मून कहा जाता है। ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। वहीं पितृ पक्ष का समापन सूर्य ग्रहण से होगा। 21 सितंबर को भारतीय समयानुसार ये सूर्य ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर रात करीब 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। ये सूर्यग्रहण में लगेगा इसलिए भारत में दिखाई नहीं देगा।
Pitru Paksha 2025 Date: मिली जानकारी के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष के पहले श्राद्ध यानी पूर्णिमा वाले श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। बताया जाता है कि, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। सूतक काल से ग्रहण की समाप्ति तक कुछ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसे में इस दौरान मंदिर न जाएं, ब्राह्मण भोजन न कराएं, इस दौरान भोजन पकाया भी नहीं जाता है। ग्रहण खत्म होने के बाद ही पितरों के निमित्त दान दें। सूतक काल से ग्रहण के खत्म होने तक गर्भवती घर से बाहर न निकले बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दिन डिलीवरी न कराएं तो बेहतर होगा।