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Ravi Pradosh Vrat 2025: 8 या 9 जून… कब है ज्येष्ठ माह का अंतिम प्रदोष व्रत? इस शुभ मुहूर्त में होगी भोलेनाथ की पूजा, शिवलिंग पर ये खास चीज चढ़ाने से मिलेगा आशीर्वाद
Ravi Pradosh Vrat 2025: 8 या 9 जून... कब है ज्येष्ठ माह का अंतिम प्रदोष व्रत? Ravi Pradosh Vrat Muhurat, Puja Vidhi or Upay
Publish Date - June 7, 2025 / 07:43 AM IST,
Updated On - June 7, 2025 / 07:43 AM IST
Ravi Pradosh Vrat 2025/Image Credit: IBC24 File
HIGHLIGHTS
08 जून को ज्येष्ठ माह की त्रयोदशी तिथि पर रवि प्रदोष व्रत
अंतिम प्रदोष व्रत के दिन कई मंगलकारी और दुर्लभ योगों का निर्माण हो रहा
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जप करें
Ravi Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाला प्रदोष व्रत ज्येष्ठ का अंतिम प्रदोष व्रत होगा। ऐसे में कल यानि 08 जून को ज्येष्ठ माह की त्रयोदशी तिथि है। रविवार होने के कारण कल रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से महादेव प्रसन्न होकर भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। अंतिम प्रदोष व्रत के दिन कई मंगलकारी और दुर्लभ योगों का निर्माण होने जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपायों के बारे में..
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 8 जून को सुबह 7 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 9 जून को सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में ज्येष्ठ का अंतिम प्रदोष व्रत 8 जून दिन रविवार को किया जाएगा। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी अंतिम प्रदोष व्रत पर शिव योग का शुभ संयोग बन रहा है। इसके अलावा स्वाति और विशाखा नक्षत्र का संयोग भी बनेगा। इस दिन बव, बालव और तैतिल करण के योग भी बन रहे हैं। इन योगों में भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदाई होती हैं।
रवि प्रदोष व्रत के उपाय (Ravi Pradosh Vrat 2025 Upay)
रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करना जरूरी है।
रवि प्रदोष व्रत के दिन सुबह व्रत का संकल्प लेने के बाद प्रातः सूर्य को जल चढ़ाते हुए ‘ॐ घृणिः सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें।
पूजा के लिए शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाएं ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
रवि प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष व्रत की कथा सुननी चाहिए।
रवि प्रदोष के दिन प्रदोष काल के समय अपने घर से भरा लोटा जल और घी का दीप लेकर शाम के समय शिव मंदिर में जल अर्पित करने से और दीपक जलाने से 26 प्रदोष व्रत के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन आर्थिक संकट को दूर करने के लिए प्रदोष काल में शिवलिंग पर काले तिल, चावल और जल अर्पित करें।