Shukra Gochar/Gajlaxmi Rajyoga
रायपुर: these zodiac signs will become rich by grace of Shukra on Mahashivratri किसी परीक्षा या प्रदर्शन के पहले या विशेषरूप से व्यस्त रहने के दौरान या अत्यधिक उत्तेजित अवस्था में तनाव अनुभव करना स्वभाविक होता है। परन्तु, एंग्जायटी एक साधारण से तनाव से बहुत आगे की अवस्था है। सामान्य रूप से “एंजायटी” से हम सभी थोड़ा बहुत जूझते हैं, लेकिन जब यह अति जैसी स्थिति को उत्पन्न करने लग जाय जो डर का रूप ले ले और सोशल फोबीया या ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिसआर्डर (बार -बार समय देखना, दरवाजे के खुले होने का बार -बार भ्रम जैसे लक्षण) उत्पन्न करे तो स्थिति खतरनाक मानी जा सकती है। “एंजायटी” से जूझ रहा व्यक्ति कहीं न कहीं अवसाद का भी शिकार भी होता है।
Read More: मंडप पर ही पंडित जी ने दुल्हन से कही ये बात, सुनकर दूल्हा भी हुआ हैरान!
these zodiac signs will become rich by grace of Shukra on Mahashivratri यदि चिंता बहुत बढ़ जाती है और इसके व्यापक दुष्प्रभाव व्यक्ति के पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन पर पड़ने लगता है इसके कई कारण हैं जैसे- प्रतिष्ठा या लक्ष्य की क्षति की आशंका, अवांछित इच्छाओं के पता चल जाने का डर, अपराध भावना पहले लगे आघात की पुनः सक्रियता आदि। कई बार यह आनुवंशिक भी होती है। ज्योतिष अनुसार तनाव और अवसाद या मानसिक परेशानी के लिये बुध ग्रह को देखा जाता है किंतु अगर एंजायटी की बात की जाए तो इसे हम शुक्र से देखते हैं। चन्द्रमा शुक्र से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अगर सम्बन्ध स्थापित करे तो जातक को थकान, भूख का कम या ज्यादा होना, नींद का कम या ज्यादा होना इसके साथ चिड़चिड़ापन होना देता है।
अगर 11 वें भाव में चन्द्र, शुक्र की उपस्थिति मेष राशि मे प्रबल उन्माद का कारण बनती है। इसके अलावा अगर शुक्र लग्न, तीसरे अथवा एकादश स्थान हो या राहु शनि जैसे पाप प्रभाव वाले ग्रहों से आक्रांत हो तो ऐसे में जातक शुक्र की दशा में एंजायटी का मरीज हो जाता हैं। इसे दूर करने के लिए शुक्र की शांति की जा सकती है, जिसमें विशेषकर शुक्र के मंत्र का जाप या दुर्गा सप्तसती का एक अध्याय रोजाना एक वर्ष तक करने से अवसाद दूर होत है। इसके अलावा सुहाग सामग्री का दान करना, सफेद वस्तुओं का दान करना, गाय को भिगा चावल खिलाना या चिड़िया मछली को चारा देना चाहिए। खीर बनाकर, भगवान शिव को भोग लगाएं। खाने के बाद आखिर में यही खीर खाएं।
शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए शुक्र के दिन दूध-मावे से बनी मिठाई का भोग लक्ष्मी को लगाएं। स्वयं व्रत करें। एक समय भोजन करें और भोजन का पहला निवाला मावे की मिठाई खाएं। शुक्रवार के दिन सफेद या रेशमी सफेद वस्त्र पहनें।