2026 में कब है हरतालिका तीज, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और माता पार्वती की तपस्या से जुड़ी पौराणिक कथा

हरतालिका तीज के दिन कुंवारी कन्याएं आदर्श जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए माता गौरी और भगवान शंकर की पूजा करती हैं। यह भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आता है और व्रत हस्त नक्षत्र में किया जाता है।

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 06:03 PM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 06:03 PM IST

(2026 Teej Festival Kab Hai / Image Credit: IBC24 News File)

HIGHLIGHTS
  • हरतालिका तीज पति-पत्नी के प्रेम और सुहाग का प्रतीक है।
  • पूजा के लिए मिट्टी, रेत और काली मिट्टी से शिव, पार्वती और गणेश की मूर्तियां बनाई जाती हैं।
  • व्रत 13 सितंबर सुबह से 14 सितंबर सुबह तक रहता है।

2026 Teej Festival Kab Hai: हरतालिका तीज के अवसर पर महिलाएं माता पार्वती (माता शैलपुत्री) और भगवान शिव की आराधना करती हैं। यह व्रत खासकर कुंवारी कन्याओं और विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाता है, ताकि परिवार और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।

पूजा विधि और अनुष्ठान

इस दिन पूजा के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी, रेत और काली मिट्टी से बनी मूर्तियां बनाई जाती हैं। पूजा के दौरान भगवान शिव को धोती और चंदन अर्पित किया जाता है। सुहाग की सामग्री ब्राह्मण को दान की जाती है, जो सास के चरणों को स्पर्श करने के बाद दी जाती है। पूजा के बाद कथा सुनी जाती है और रात्रि जागरण का विधान है। सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर अर्पित किया जाता है और हलवा भोग लगाकर व्रत का पारण किया जाता है।

केवड़ा तीज के रूप में पूजा

हरतालिका तीज को कुछ स्थानों पर केवड़ा तीज के नाम से भी मनाया जाता है। इस परंपरा के अनुसार महिलाएं भगवान को केवड़ा के फूल अर्पित करती हैं।

हरतालिका तीज 2026 की तारीख और समय

  • तारीख: सोमवार, 14 सितंबर 2026
  • तृतीया तिथि प्रारंभ: 13 सितंबर 2026, प्रातः 07:08 बजे
  • तृतीया तिथि समाप्त: 14 सितंबर 2026, सुबह 07:06 बजे

पौराणिक महत्व

कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह करने की इच्छा जताई थी। उनके पिता हिमालय, ने उन्हें भगवान विष्णु से विवाह करने का प्रस्ताव दिया, जिसे माता पार्वती ने अस्वीकार कर दिया। माता पार्वती की सहेली ने उन्हें भगवान शिव से विवाह के लिए कठोर तपस्या करने का सुझाव दिया। माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग बनाकर घोर तपस्या की और भूख-प्यास को सहा। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और विवाह का वचन दिया। तभी से इस दिन को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है।

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हरतालिका तीज 2026 कब है?

साल 2026 में हरतालिका तीज सोमवार, 14 सितंबर को मनाई जाएगी।

इस दिन पूजा का शुभ समय क्या है?

तृतीया तिथि 13 सितंबर प्रातः 07:08 बजे से शुरू होकर 14 सितंबर सुबह 07:06 बजे तक रहेगी।

हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है?

इस व्रत में महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं ताकि उन्हें आदर्श जीवनसाथी मिले और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।

पूजा कैसे की जाती है?

मिट्टी और रेत से बनी शिव, पार्वती और गणेश की मूर्तियों की पूजा की जाती है। भगवान शिव को धोती-अर्पित किया जाता है। सुहाग सामग्री ब्राह्मण को दान की जाती है।