#SarkarOnIBC24: भारत का एक्शन..बौखलाया पाकिस्तान, भारत सरकार के सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने से पड़ोसी मुल्क को क्या नुकसान? पढ़े पूरी खबर..

CCS Meeting on Pahalgam Attack: भारत का एक्शन..बौखलाया पाकिस्तान, भारत सरकार के सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने से पड़ोसी मुल्क को क्या नुकसान? पढ़े पूरी खबर..

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  • Publish Date - April 25, 2025 / 12:11 AM IST,
    Updated On - April 25, 2025 / 12:11 AM IST

CCS Meeting on Pahalgam Attack | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • भारत ने पहली बार सिंधु जल समझौते को स्थगित किया
  • पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु जल पर निर्भर है, ऐसे में जल रोकने से देश के खाद्य उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
  • सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था, जिसमें भारत को पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलज) और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब, सिंधु) का अधिकार मिला था।

नई दिल्ली: CCS Meeting on Pahalgam Attack प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जहां बिहार की धरती से पाकिस्तान को ललकारा तो वहीं बुधवार की शाम पाकिस्तान के खिलाफ CCS की बैठक में कड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों में पहली बार सिंधु जल संधि स्थगित करने का फैसला भी शामिल है। लेकिन बड़ा सवाल ये कि पाकिस्तान पर इसका क्या असर पड़ेगा क्या उसे सबक मिलेगा।

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CCS Meeting on Pahalgam Attack जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने जिस तरह हिंदू पर्यटकों की टारगेट किलिंग की। उससे लोगों का सब्र का बांध टूटा तो भारत सरकार को भी पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने का फ्री हैंड मिल गया। बुधवार की रात CCS की मीटिंग में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 5 कड़े फैसले लिए गए।

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भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले तो ले लिए। लेकिन बड़ा सवाल ये है। कि पाकिस्तान को इससे कितनी चोट पहुंचेगी। भारत ने जो कदम उठाए हैं, उनमें सबसे बड़ा फैसला है- सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना। दोनों देशों के बीच कई बड़े युद्ध लड़े गए लेकिन भारत ने सिंधु जल समझौते को कभी स्थगित नहीं किया। ये जल समझौता क्या है और पाकिस्तान के लिए इतना अहम क्यों है पहले ये जानते हैं।

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भारत और पाकिस्तान सरकारों के बीच साल 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था। जिस पर पं नेहरू और पाक राष्ट्रपति अयूब खान ने दस्तखत किए थे। विश्व बैंक की मध्यस्थता से ये समझौता हुआ था। समझौते के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा हुआ। रावी, व्यास, सतलज के पानी के इस्तेमाल का भारत को हक मिला वहीं पाकिस्तान को झेलम, चिनाब, सिंधु के पानी के इस्तेमाल का अधिकार समझौते से 80% पानी पाकिस्तान को मिला था। दोनों देशों को बाढ़ के आंकड़े आपस में शेयर करना होता है

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इन नदियों से बांध जैसी नई परियोजना बनाने पर प्रतिबंध है। जल विद्युत संरचना की डिजाइन को दोनों देशों को मानना होगा और भारत के जल भंडारण की भी एक सीमा है। अब आप समझ ही गए होंगे की सिंधु नदी का जल पाकिस्तान के लिए इतना अहम क्यों है। अगर सिंधु और उसकी सहायक नदियों का पानी भारत ने रोक दिया तो पाकिस्तान में हाहाकार मचना तय है।

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पाकिस्तानी पंजाब का बड़ा हिस्सा सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर निर्भर है। सिंधु बेसिन में पाकिस्तान की 61% आबादी रहती है। जहां कि 21 करोड़ की आबादी कृषि के लिए इन नदियों पर निर्भर है। पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु नदी के भरोसे होती है। सिंधु समझौता खत्म होने से पाकिस्तान के खाद्य उत्पादन में गिरावट आ सकती है। पाकिस्तान का बिजली उत्पादन भी प्रभावित होगा। मानसून में बाढ़ की स्थिति में जानकारी पाकिस्तान को नहीं मिलेगी।

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पाकिस्तान के साथ यूं तो इससे पहले भी कई बार राजनयिक और कूटनीतिक संबंधों को स्थगित किया जा चुका है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने सिंधु जल समझौते को भी स्थगित किया हो। दरअसल भारत का पाकिस्तान और दुनिया को मैसेज साफ है। कि पानी अब सिर के ऊपर जा चुका है।

सिंधु जल समझौता क्या है और भारत ने इसे कब और क्यों स्थगित किया?

सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक ऐतिहासिक जल-बंटवारा समझौता है। भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद इसे पहली बार स्थगित किया है।

सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा?

पाकिस्तान की 80% खेती, 61% आबादी और बड़ी बिजली उत्पादन इकाइयाँ सिंधु नदी पर निर्भर हैं। जल आपूर्ति में कटौती से खाद्य संकट, बिजली की कमी और बाढ़ की पूर्वसूचना न मिलने जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

क्या भारत को कानूनी रूप से सिंधु जल समझौते को रोकने का अधिकार है?

समझौते में कुछ परिस्थितियों में पुनर्विचार और मध्यस्थता की व्यवस्था है। यदि भारत यह साबित करता है कि पाकिस्तान लगातार आतंक फैलाकर समझौते की भावना को तोड़ रहा है, तो यह उचित ठहराया जा सकता है।