NEP 2020: असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब NET अनिवार्य नहीं, जरूरी योग्यता में बड़ा बदलाव

Assistant Professor qualification changed: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार, 7 जनवरी को नई गाइडलाइंस जारी की हैं। अब NET (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास किए बिना भी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का रास्ता खुल गया है

  •  
  • Publish Date - January 7, 2025 / 11:17 PM IST,
    Updated On - January 7, 2025 / 11:22 PM IST

Assistant Professor qualification changed, image source: ANI

नई दिल्ली: Assistant Professor qualification changed,असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की योग्यता में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार, 7 जनवरी को नई गाइडलाइंस जारी की हैं। अब NET (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास किए बिना भी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का रास्ता खुल गया है, बशर्ते उम्मीदवार के पास निर्धारित शैक्षणिक योग्यता हो। इस कदम का उद्देश्य उच्च शिक्षा में प्रक्रियाओं को सरल बनाना और योग्य उम्मीदवारों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना है।

नए नियमों की मुख्य बातें

NET की अनिवार्यता समाप्त

असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब NET अनिवार्य नहीं होगा।

यदि उम्मीदवार के पास पीएचडी की डिग्री है, तो वह NET के बिना भी पात्र होगा।

read more:  Mahatari Cricket League Raipur: रायपुर में ‘महतारी प्रीमियर क्रिकेट लीग’.. खिलाड़ियों की नीलामी भी, खेल के लिए राजधानी का अनोखा जूनून..

शैक्षणिक योग्यता

75% अंकों के साथ चार साल की अंडरग्रेजुएट डिग्री।
55% अंकों के साथ पोस्टग्रेजुएट डिग्री।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप UGC अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि यह कदम NEP 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है और इससे उच्च शिक्षा में विभिन्न विषयों के योग्य और कुशल उम्मीदवारों की भागीदारी बढ़ेगी।

कुलपति बनने के नियमों में बदलाव

विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर (कुलपति) बनने के लिए अब केवल शैक्षणिक क्षेत्र का अनुभव आवश्यक नहीं होगा।
इंडस्ट्री, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पब्लिक पॉलिसी, सार्वजनिक उपक्रम (PSU) और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी वाइस चांसलर बनने के पात्र होंगे।
इस पद के लिए कम से कम 10 वर्षों का अनुभव और अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष तय की गई है।
कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल तक कुलपति रह सकता है।

read more:  मुंबई: इमारत में आग लगने से एक बुजुर्ग की मौत, यहीं रहते हैं गायक उदित नारायण भी

महत्व और प्रभाव

योग्य शिक्षकों की उपलब्धता में सुधार

NET की अनिवार्यता खत्म करने से उच्च शिक्षा संस्थानों में अधिक योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति संभव होगी।

दृष्टिकोण में विविधता

विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के कुलपति बनने से शिक्षा प्रणाली में नई सोच और नवाचार आएगा।

शिक्षा प्रणाली को मजबूती

यह बदलाव उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।

इन नए नियमों से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को अधिक अवसर मिलेंगे और यह कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा जा रहा है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

1. क्या NET पास करना अब पूरी तरह अनिवार्य नहीं है?

उत्तर: जी हां, नए नियमों के तहत NET पास करना अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अनिवार्य नहीं है। यदि उम्मीदवार के पास पीएचडी की डिग्री है, तो वह NET के बिना भी पात्र होगा।

2. असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या है?

उत्तर: 75% अंकों के साथ चार साल की अंडरग्रेजुएट (UG) डिग्री। 55% अंकों के साथ पोस्टग्रेजुएट (PG) डिग्री। पीएचडी डिग्री अनिवार्य है।

3. क्या वाइस चांसलर (कुलपति) बनने के लिए शैक्षणिक अनुभव जरूरी है?

उत्तर: नहीं, अब कुलपति बनने के लिए केवल शैक्षणिक अनुभव की आवश्यकता नहीं है। इंडस्ट्री, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पब्लिक पॉलिसी, पीएसयू और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी पात्र होंगे, बशर्ते उनके पास 10 वर्षों का प्रासंगिक अनुभव हो।

4. कुलपति बनने के लिए आयु सीमा क्या है?

उत्तर: कुलपति पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष है। कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल तक कुलपति रह सकता है।

5. यह बदलाव क्यों लाया गया है?

उत्तर: यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के उद्देश्यों के अनुरूप लाया गया है। इसका मकसद योग्य शिक्षकों और विशेषज्ञों की भागीदारी बढ़ाना, उच्च शिक्षा में विविधता लाना और शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला एवं प्रभावी बनाना है।