भोपाल, 16 अगस्त (भाषा) कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में शुक्रवार को सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद रखा। इससे राज्य भर में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित रहीं।
चिकित्सक संघों ने कहा कि हड़ताली चिकित्सक बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और वैकल्पिक ऑपरेशन थियेटर (ओटी) सेवाओं में शामिल नहीं हुए लेकिन उन्होंने आपातकालीन और आईसीयू सेवाओं को अपने विरोध के दायरे से बाहर रखा।
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा आहूत हड़ताल के मद्देनजर राज्य के कई अस्पतालों में मरीजों को बिना उपचार के वापस लौटना पड़ा।
डॉक्टर नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या तथा स्वतंत्रता दिवस के दिन तड़के पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित इस अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना का विरोध कर रहे हैं।
आईएमए ने एक बयान में कहा, ‘‘13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस से अब तक की गई जांच पर नाराजगी जताते हुए मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने को कहा। उसने (उच्च न्यायालय) राज्य पुलिस द्वारा जांच जारी रखने पर सबूतों के नष्ट होने की संभावना को भी चिन्हित किया।’’
चिकित्सा पेशेवरों के शीर्ष निकाय ने कोलकाता अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की निंदा की।
बयान में कहा गया, ‘‘15 अगस्त को अस्पताल में भारी भीड़ ने तोड़फोड़ की और अस्पताल के विभिन्न हिस्सों को नष्ट कर दिया, जिसमें वह क्षेत्र भी शामिल है जहां पीड़िता मिली थी। विरोध-प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों पर हमला किया गया।’’
आईएमए (मप्र शाखा) के सचिव डॉ. पुष्पराज भटेले ने जबलपुर से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों पर की गई गुंडागर्दी की कड़ी निंदा करते हैं। हम अब चुप नहीं बैठेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संघ से करीब 25,000 डॉक्टर जुड़े हुए हैं और वे राज्य के केंद्रीय, राज्य सरकार, अर्ध-सरकारी और निजी अस्पतालों में काम कर रहे हैं। हमारे 12,500 सदस्य और 12,500 संबद्ध छात्र सदस्य हड़ताल पर हैं।’’
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) की भोपाल इकाई के अध्यक्ष संकेत सीते ने कहा कि उनके करीब 12,000 साथी मेडिकल कॉलेजों के साथ सरकारी अस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
सीते ने कहा कि हड़ताल सुबह आठ बजे शुरू हुई, लेकिन ‘‘हम दोपहर दो बजे के बाद आपातकालीन सेवाओं में शामिल हो रहे हैं।’’
एम्स, भोपाल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक अलग बयान में कहा कि हड़ताल के तहत रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी शैक्षणिक गतिविधियों, ओपीडी, वार्ड और वैकल्पिक ओटी सेवाओं को स्थगित कर दिया है। हालांकि, वे आपातकालीन सेवाओं, ओटी, महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं और आईसीयू ड्यूटी में भाग ले रहे हैं।
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला से कई प्रयासों के बावजूद हड़ताल पर टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका।
भाषा दिमो शफीक
शफीक