दोहा, 26 दिसंबर (भाषा) किशोर अंतरराष्ट्रीय मास्टर कृष्णा गौतम लगातार तीन जीत के साथ अप्रत्याशित रूप से संयुक्त रूप से शीर्ष पर पहुंच गए जबकि डी. गुकेश और आर. प्रज्ञानानंदा जैसे दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों ने शुक्रवार को यहां फिडे विश्व रैपिड चैंपियनशिप में अपने अभियान की धीमी लेकिन स्थिर शुरुआत की।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उपविजेता सहित कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाले केरल के 15 वर्षीय खिलाड़ी ने शुरुआती तीनों राउंड में पूरे अंक अर्जित करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
वह विश्व नंबर एक मैग्नस कार्लसन शीर्ष भारतीय खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी और 2700 से अधिक रेटिंग वाले रूस के ग्रैंडमास्टर व्लादिस्लाव आर्टेमिएव जैसे खिलाड़ियों के साथ शीर्ष पर हैं।
पहले दिन के दो और राउंड बाकी रहते हुए क्लासिकल शतरंज में विश्व चैंपियन गुकेश (2.5 अंक) ने भी दो शानदार जीत हासिल की, लेकिन एक ड्रॉ बाजी ने उन्हें रैंकिंग में नीचे धकेल दिया।
प्रज्ञानानंदा पहले दौर में जीत और लगातार दो ड्रॉ के बाद दो अंकों पर थे।
गौमत ने काले मोहरों से खेलते हुए सर्बियाई ग्रैंडमास्टर इंडजिक अलेक्जेंडर को परास्त किया, फिर सफेद मोहरों से शीर्ष भारतीय ग्रैंडमास्टर अरविंद चिदंबरम को मात दी और उसके बाद अजरबैजान के राडजाबोव तैमूर को शिकस्त देने में सफल रहे।
गुकेश ने कनाडा के ग्रैंडमास्टर शॉन रोड्रिग-लेमियक्स के खिलाफ कड़े मुकाबले में ड्रॉ खेलकर सधी शुरुआत की और फिर फिडे के झंडे तले खेल रहे सर्गेई ड्रायगालोव और मोंटेनेग्रो के पेट्रोव निकिता के खिलाफ पूरे अंक हासिल किए।
प्रज्ञानानंदा ने फिडे रैंकिंग में निचले पायदान पर मौजूद प्रतिद्वंद्वी त्सारुक मैक्सिम को हरने के बाद हमवतन अभिमन्यु पुराणिक और रखमानोव अलेक्सांद्र के खिलाफ ड्रॉ मुकाबला खेला।
युवा खिलाड़ी निहाल सरीन को शुरूआती दो बाजियों में जीत दर्ज करने के बाद ईरान के ग्रैंडमास्टर सिना मोवाहेद से हार का सामना करना पड़ा।
महिला वर्ग में ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली ने पूर्व महिला विश्व क्लासिकल एंव रैपिड चैंपियन टैन झोंगयी को हराकर बड़ा उलटफेर किया। उन्होंने पहले तीन दौर के बाद पूरे अंक हासिल किए।
द्रोणावल्ली हरिका भी शुरुआती बढ़त बनाने वालों में शामिल थीं, उन्होंने तीन दौर के बाद भी अपनी बढ़त बरकरार रखी, जबकि मौजूदा विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी (दो अंक) ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन अगले दो मुकाबले ड्रॉ होने के कारण पहले दिन पिछड़ गईं।
भाषा आनन्द नमिता
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