Chirag project will spread new light of development in tribal areas

आदिवासी क्षेत्रों में विकास की नई रौशनी फैलाएगी चिराग परियोजना, 14 जिलों के आदिवासी क्षेत्रों में होगी लागू

Chirag project will spread new light of development in tribal areas

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : November 24, 2021/4:44 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जगदलपुर में चिराग परियोजना का शुभारंभ किया। कुम्हरावंड स्थित शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कृषि मड़ई कार्यक्रम में परियोजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने विश्व बैंक की सहायता से संचालित होने वाली लगभग 1735 करोड़ रुपए की इस परियोजना को बस्तर के लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाली अब तक की सबसे बड़ी परियोजना बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बड़ी योजना का शुभारंभ बस्तर में मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर किया जा रहा है और इसी का परिणाम है कि ये योजनाएं सफल भी हो रही हैं।

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उन्होंने कहा कि “चिराग परियोजना” छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग सहित 14 जिलों मंे लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि चिराग परियोजना आदिवासी क्षेत्रों में विकास की नयी रौशनी फैलाएगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शासकीय महिला पॉलिटेक्निक धरमपुरा का नामकरण धरमू माहरा के नाम पर और बस्तर हाईस्कूल को जगतू माहरा के नाम पर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने जगतू माहरा के नाम पर भव्य सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की।

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मुख्यमंत्री ने कृषि मड़ई में बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य किसानों की आमदनी के अवसरों को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना, क्षेत्र की जलवायु पर आधारित पोषण-उत्पादन प्रणाली विकसित करना, प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की कार्यप्रणाली का विकास करना है। इस परियोजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास के नये और विकसित तौर-तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। “चिराग परियोजना” आदिवासियों के लिए नये अवसर और नयी आशाएं लाने वाली परियोजना है। आधुनिक खेती और नवाचारों से जुड़कर वे नये जीवन में प्रवेश करेंगे।

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इस परियोजना के लिए विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की कृषि विकास हेतु स्थापित संस्था आईएफएडी ने वित्तीय सहायता दी है। विश्व बैंक द्वारा 730 करोड़ रुपए, आईएफएडी द्वारा 486।69 करोड़ रुपए की सहायता इस परियोजना के लिए दी गई है। राज्य सरकार ने इस परियोजना की कुल राशि में 30 प्रतिशत राशि, 518।68 करोड़ रुपये अपने राजकीय कोष से उपलब्ध कराए हैं। चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मुंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा जिलों के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाएगा।

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चिराग परियोजना बस्तर संभाग के बस्तर जिले के विकासखंड बकावंड व बस्तर, कांकेर जिला के विकासखंड चारामा, नरहरपुर में, जिला कोंडागांव में विकासखंड बड़े राजपुर और माकड़ी, नारायणपुर जिले के विकासखंड नारायणपुर, दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड दंतेवाड़ा व कटेकल्याण, सुकमा जिले के विकासखंड छिंदगढ़़ और सुकमा, बीजापुर जिले के विकासखंड भोपालपट्नम और भैरमगढ़ के चयनित ग्रामों में क्रियान्वयन की जाएगी। इससे बस्तर अंचल में खेती-किसानी को समृद्ध और लाभदायी बनाने में मदद मिलेगी और बस्तर अंचल के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती की ओर अग्रसर होंगे। इससे उनकी माली हालात बेहतर होगी और उनके जीवन में खुशहाली का एक नया दौर शुरू होगा।

 
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