बरेली (उप्र), दो दिसम्बर (भाषा) कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गये अध्यादेश को लेकर जारी चर्चाओं के बीच सुन्नी मुसलमानों की आस्था का अहम केन्द्र मानी जाने वाली दरगाह आला हजरत से जुड़े एक संगठन ने इसका समर्थन करते हुए फतवा जारी किया है। इसमें कहा गया है कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना इस्लाम के नजरिये से नाजायज है।
Read More News: BJP विधायक आकाश विजयवर्गीय ने शासकीय शिक्षकों पर दिया विवादित बयान, स्कूल की नई इमारत के लिए किया भूमिपूजन
राष्ट्रीय सुन्नी उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना इंतजार अहमद कादरी ने दरगाह आला हजरत परिसर में स्थित मरकज-ए-दारुल इफ्ता के मुफ्तियों से सवाल पूछा, ‘‘क्या कोई मुस्लिम लड़का किसी गैर मुस्लिम लड़की से शादी करने के लिए फरेब यानी धोखाधड़ी करके उसका मजहब बदलवा सकता है? इसके अलावा क्या शरीयत में लव जिहाद का कोई वजूद है?’’
इसके जवाब में दारुल इफ्ता के अध्यक्ष मुफ्ती मुसीबुर्रहमान रजवी ने फतवा दिया है। फतवे में कुरान और शरीयत की रोशनी में कहा गया है कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना नाजायज है।
Read More News: विश्व एड्स दिवस: दक्षिण अफ्रीका को एचआईवी की नई दवा से उम्मीद
दारुल इफ्ता के उलमा ने प्रदेश सरकार द्वारा गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराये जाने के खिलाफ लाये गये अध्यादेश का समर्थन किया है। यह फतवा सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।
‘लव जिहाद’ के बारे में पूछे गये सवाल पर फतवे में कहा गया है कि इस्लाम में ऐसी किसी भी चीज की कोई जगह नहीं है, यह सामाजिक बुराई है जो पश्चिमी सभ्यता से फैली है, लव अंग्रेजी शब्द है जबकि जिहाद अरबी का शब्द है व इनका एक दूसरे से संबंध नहीं है, शरीयत की नजर में लव जिहाद की कोई है हैसियत नहीं है।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी का मोदी सरकार पर कटाक्ष, कहा- ये झूठ और सूट-बूट की
गौरतलब है कि दरगाह आला हजरत सुन्नी बरेलवी मसलक की अकीदत का मरकज है। इसकी दुनिया भर में अलग पहचान है। यहां से मुसलमानों को विभिन्न विषयों पर मजहबी लिहाज से जानकारी भी दी जाती है।