अमरकंटक के नर्मदा उदगम से महज चार किलोमीटर दूर कपिलधारा तक पहुंचते-पहुंचते….नर्मदा की धार खत्म हो गई है….जिससे दूधधारा प्रपात विलुप्त हो गया है….दरअसल कपिलधारा और नर्मदा उदगम के दोनों किनारों पर बढ़ रहे निर्माण कार्यों और अवैध उत्खनन का असर नदी पर पड़ा है….जिससे कपिलधारा के पास पहुंचने से पहले ही नर्मदा का पानी खत्म हो गया है….इसके चलते कपिलधारा प्रपात का अस्तित्व ही खत्म हो गया है…।गौरतलब है कि नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश के 16 जिलों की जीवनदायिनी माना जाता है….सीएम शिवराज ने नर्मदा सेवा यात्रा निकालकर नर्मदा के संरक्षण की कवायद की थी…लेकिन यात्रा के समापन के बाद ही नर्मदा सूखे रूप में देखने को मिल रही है…।