रायपुर। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के चावल में एंटी कैंसर के गुण पाए गए हैं. देश के जाने-माने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर ने इस बात की पुष्टि की है. भाभा रिसर्च सेंटर ने अपने अनुसंधान में यहां के चावल में महामारी बीमारी केंसर को परास्त करने की अद्भुत क्षमता पाई है.
ये भी पढ़ें- शिक्षाकर्मियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, एस्मा हटाने का स्वागत
ये भी पढ़ें-शिक्षाकर्मियों ने वेतन भुगतान को लेकर शासन को दिया सुझाव
छत्तीसगढ़ वासियों का मुख्य भोजन चावल ही है. यहां के लोगों में दिन भर के खुराक में चावल का स्थान प्रमुख होता है. अगर थाली में चावल न हो, तो पेट अधूरा सा प्रतीत होता है.
ये भी पढ़ें- ‘पाटन के 57 ग्राम पंचायतों में सरपंच-सचिव के हस्ताक्षर बिना पैसों का आहरण’
आपको बतादें देशभर में चावल का सबसे ज्यादा उत्पादन छत्तीसगढ़ राज्य में ही होता है, यहां चावल की कई किस्में पाई जाती हैं, यहां पैदा होने वाले चावल की मांग देशभर के साथ विदेशों में भी बहुत होती है. इसलिए छत्तीसगढ़ का चावल दूसरे राज्यों के साथ विदेशों में भी निर्यात किया जाता है.
यहां दूबराज नाम का चावल बेहद खुशबूदार होता है, छत्तीसगढ़ में ही दूबराज का उत्पादन होता है. खुशबूदार होने की वजह से इसे प्राय: लोग खीर में बनाना ज्यादा पसंद करते हैं. यही कारण है की यहां के लोगों ने अपने भोजन में चावल का जगह विशेष रखा है.
अभिषेक मिश्रा, वेब डेस्क, IBC24