एक ऐसा मंदिर जहां अदृश्य शक्ति आती है शिव पर बेलपत्र और चावल चढ़ाने

एक ऐसा मंदिर जहां अदृश्य शक्ति आती है शिव पर बेलपत्र और चावल चढ़ाने

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  • Publish Date - August 13, 2018 / 04:27 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

मुरैना।  वैसे तो मुरैना जिला आदिकाल से ही शिव का उपासक माना जाता है। ज्ञात हो कि  जिले में एक दर्जन से अधिक ऐसे शिव मंदिर है जो ऐतिहासिक होने के साथ साथ देश में अलग पहचान रखते है लेकिन जिले में एक ऐसा शिव मंदिर है जिसकी कहानी आज भी पहेली बनी हुई है। जिले के पहाड़गढ़ इलाके में लगभग 15 किलोमीटर दूर घने जंगलो मे रामायण महाभारतकालीन शिव मंदिर है जिसे ईश्वरा महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है इस मंदिर में सावन के महीने में किसी अदृश्य शक्ति के द्वारा सुबह 4 बजे भगवान शिव की पूजा अर्चना और वेलपत्र चढ़ाये जाते है , इस रहस्य को जानने के लिए तत्कालिक पहाड़गढ़ के राजा ने इस अदृश्य शक्ति का पता लगाने के लिए मंदिर के चारो तरफ पहरा लगवाया लेकिन जब सुबह के 4 बजे तो सभी पहरेदार सो गए और शिवलिंग पर बेलपत्र और चावल चढ़े हुए मिले। तब से अब तक कई छोटे बड़े प्रयोग किये लेकिन आजतक कोई यह पता नहीं कर पाया कि यह अदृश्य शक्ति कौन है।

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यहां के लोगो की मान्यता है कि सिध्द बाबा यहां आते है और पूजा करते है ।इस मंदिर की  एक विशेषता  और भी है और वो है यहां हमेशा बहने वाली जलधारा बता दें कि इस स्थान पर 12 माह जलधार भगवान की पिंडी पर टपकती रहती है इस मंदिर में बिच्छु और सांप आये दिन देखे ज सकते है श्रावण मास मे यहां पर बहुत ही दूर दूर के लोग पूजा अर्चना करने आते है यहाँ पर रहने बाले संत बताते है कि कई बार यह सर्प आकर भगवान भोलेनाथ की पिंडी से लिपट जाते है। इसके अलावा यहाँ जंगलो मे रामायण महाभारत कालीन कई निशानी है। इतना ही नहीं इस इलाके में तीन पत्ती से लेकर 21 पत्ती तक के बेलपत्र मिलते है। 

वेब डेस्क IBC24