Stock Market Today 1 Oct.: गिफ्ट में छुपा है निफ्टी का सस्पेंस, क्या आज भारतीय बाजार की शुरुआत रहेगी स्थिर?

अक्टूबर सीरीज के पहले दिन भारतीय बाजार में मिले-जुले संकेत दिख रहे हैं। FIIs ने कैश में बिकवाली की है। वहीं, इंडेक्स का लॉन्ग-टर्म रेशियो 9% से नीचे गिरकर नया निचला रिकॉर्ड बना। निफ्टी गिफ्ट के तहत फ्लैट ट्रेड कर रहा है, जिससे बाजार की दिशा अस्पष्ट बनी हुई है।

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  • Publish Date - October 1, 2025 / 09:22 AM IST,
    Updated On - October 1, 2025 / 09:22 AM IST

(Stock Market Today 1 Oct., Image Credit: IBC24 News Customize)

HIGHLIGHTS
  • अक्टूबर सीरीज के पहले दिन भारतीय बाजार मिले-जुले रहे।
  • FIIs ने कैश मार्केट में बिकवाली की।
  • इंडेक्स का लॉन्ग-शॉर्ट रेश्यो 6% से नीचे गिरकर नया रिकॉर्ड बनाया।

नई दिल्ली: Stock Market Today 1 Oct.: अक्टूबर महीने की पहली ट्रेडिंग में भारतीय शेयर बाजारों ने मिले-जुले संकेत दिए हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने कैश सेगमेंट में बिकवाली की, जिससे बाजार की दिशा पर संशय बना हुआ है। वहीं, इंडेक्स में लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो 6% से नीचे फिसलकर एक ने निचले रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। निफ्टी ‘गिफ्ट’ के तहत फ्लैट ट्रेडिंग कर रहा है, जिससे बाजार में बड़ी तेजी या कमजोरी देखने को नहीं मिल रही।

अमेरिकी बाजार में तेजी

अमेरिकी शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई है, खासकर डाओ जोंस इंडेक्स ने नए हाई लेवल को छू लिया है। हालांकि, अमेरिकी सरकार के शटडाउन का खतरा बना हुआ है, जिससे निवेशकों में बेचैनी भी देखी जा रही है। इस बीच, कमजोर श्रम बाजार के आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना को मजबूत किया है। इन घटनाओं के कारण सोना रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है। बुधवार को सोना हाजिर 0.4% बढ़कर 3,872.87 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जबकि दिसंबर डिलीवरी के लिए सोना वायदा 0.7% की तेजी के साथ 3,901.40 डॉलर तक पहुंच गया।

भारतीय बाजार की पिछली स्थिति और एक्सपर्ट की राय

मंगलवार 30 सितंबर को सेंसेक्स और निफ्टी ने शुरुआती तेजी को कायम नहीं रख पाए और क्रमशः 400 और 120 अंक तक गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स 80,267.62 पर जबकि निफ्टी 24,611.10 पर बंद हुआ। एंजल वन के एक्सपर्ट का कहना है कि तकनीकी दृष्टिकोण से बाजार की कमजोरी जारी है। करेक्शन का दौर आठवें दिन भी बरकरार रहा। प्रमुख तकनीकी रेजिस्टेंस 24,750-24,800 और सपोर्ट स्तर 24,400-24,500 के बीच देखा जा रहा है।

RBI की क्रेडिट पॉलिसी पर नजरें टिकीं

बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी का इंतजार है। निवेशकों को उम्मीद हैं कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा के बयान बाजार के लिए अहम होंगे, खासकर महंगाई, विकास और भविष्य की नीतियों को लेकर। RBI की नीति से बैंक, ऑटो, NBFC और रियल एस्टेट सेक्टर के शेयर प्रभावित हो सकते हैं।

बाजार में आगे की संभावनाएं

Nifty Bank ने महत्वपूर्ण 54,500 स्तर से ऊपर बंद होकर नए सीरीज के लिए पॉजिटिव संकेत दिए हैं। वहीं, LG इंडिया 7 अक्टूबर को 15,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ बाजार में कदम रखने जा रहा है। सरकार ने PET Film, ग्लासवेयर और नायलॉन 6 के डंपिंग मामले में जांच शुरू कर दी है, जो इस सेक्टर के शेयरों पर प्रभाव डाल सकता है।

इस तरह अक्टूबर सीरीज की शुरुआत में भारतीय बाजारों में सतर्कता बनी हुई है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, इंडेक्स के तकनीकी संकेत कमजोर और आरबीआई की नीतियों के फैसले पर बाजार नजर टिकी है। अमेरिकी बाजारों में बढ़त और सरकार शटडाउन के खतरे के बीच सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड स्तर को छुआ है, जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को बताता है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

इन्हें भी पढ़ें:

अक्टूबर सीरीज के पहले दिन भारतीय बाजारों की स्थिति कैसी रही?

बाजार मिले-जुले संकेत दिखा रहा है, FIIs ने कैश में बिकवाली की और निफ्टी फ्लैट ट्रेड कर रहा है।

अमेरिका में सरकार शटडाउन का खतरा क्यों है?

बजट को लेकर राजनीतिक असहमति के कारण अमेरिकी सरकार के शटडाउन की आशंका बनी हुई है।

सोने की कीमतों में हाल ही में क्यों तेजी आई है?

अमेरिका में शटडाउन के खतरे और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा है।

RBI की क्रेडिट पॉलिसी से बाजार को क्या उम्मीदें हैं?

RBI ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने की संभावना है, लेकिन नीति के अन्य संकेतों से बाजार प्रभावित हो सकता है।