houses collapsed due to river
सूर्यप्रकाश चन्द्रवंशी, कवर्धा:
houses collapsed due to river सोचिए अगर दरवाजा खोलते ही आपको सीधे मौत का खाई दिखाए दे तो आप क्या करेंगे, कुछ ऐसा ही मंजर दिखाई दिया कवर्धा के कोडार गांव में जहां दरवाजा खोलते ही ग्रामीणों को दिखाई देती है मौत का 30 फीट गहरी खाई। यकीन नही होता तो रिपोर्ट देखिये कि आखिरकार क्या है पूरा माजरा जहां मौत के साये में जी रहे ग्रामीण।
दरअसल कवर्धा जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोडार गांव है। इस गांव से होकर सकरी नदी गुजरती है इसी नदी के तट पर गांव का बसाहट है। तेज बहाव के कारण नदी के तट का कटाव लगातार बढ़ते जा रहा है जो धीरे धीरे ग्रामीणों के मकान के दरवाजे तक पहुंच चुका है,जिसके कारण घर से निकलते ही ग्रामीणों को मौत की खाई नजर आती है। स्थिति इतनी भयावह है कि लोग जब अपने मकान से निकलते हैं तो एक-एक कदम फूंक-फूंककर रखते हैं क्योंकि एक कदम भी गलती से इधर उधर हुआ तो सीधे मौत के मुंह मे समा जाएंगे। यही कारण है कि ग्रामीण दहशत में जिंदगी जीने को मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अपनी जान का भय तो बना ही रहता है इसके अलावा सबसे ज्यादा मकानों के ढहने का डर सताने लगा है।
हाल ही में भारी बारिश के कारण नदी अपना विकराल रूप दिखा ही चुका है जिसमें दो मकान धराशाई हो गए ऐसे में बाकि अन्य मकान कब ढह जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। मौत की खाई को लेकर ग्रामीण इतने दहशत में है कि बिना कोई कारण के ग्रामीण अपने मकान से बाहर तक नहीं निकलते। इसके अलावा जब ग्रामीण अपने दिनचर्या के कार्य और खेतीबाड़ी के लिए घर से बाहर निकलते हैं तो बच्चों की रखवाली के लिए किसी एक सदस्य को घर पर ही छोड़ जाते हैं ताकि बच्चे घर से बाहर न निकल सके।
houses collapsed due to river ग्रामीणों द्वारा इस समस्या को लेकर अनेको बार पूर्व की सरकार और वर्तमान सरकार के साथ ही साथ जिला प्रशासन को अवगत करा चुके हैं लेकिन इन बेबस ग्रामीणों की हालात पर किसी को तरस नही आ रहा है और हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहा है वही ग्राम सरपंच भी मानते हैं कि ग्रामीणों की जान खतरे में है, लेकिन पंचायत स्तर में इतनी बड़ा फंड नही होने के कारण कोई ठोंस कदम नही उठा पा रहे हैं। वहीं स्थानीय विधायक व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर के पास जब हमने इस समस्या को लेकर सवाल किया तो मंत्री ने कहा कि संज्ञान में है और लोक निर्माण विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है फिर भी एक बार जांच कराने की बात कही है।