‘गोमती रिवर फ्रंट’ के पूर्व सलाहकार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा – अग्रिम जमानत के हकदार नहीं

‘गोमती रिवर फ्रंट’ के पूर्व सलाहकार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज : Former Gomti River Front advisor's anticipatory bail plea rejected

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  • Publish Date - December 17, 2022 / 06:31 AM IST,
    Updated On - December 17, 2022 / 06:31 AM IST

लखनऊ । Former Gomti River Front advisor’s anticipatory bail plea rejected : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट विकास परियोजना में सलाहकार रहे आरोपी बद्री श्रेष्ठ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। यह आदेश पारित करते हुए, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने कहा, ‘ऐसे मामलों में जहां राजनेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन की हेराफेरी की जाती है, आरोपी अग्रिम जमानत के हकदार नहीं हैं।’ इससे पहले, याचिका का विरोध करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिवक्‍ता अनुराग सिंह ने तर्क दिया कि मामले में प्राथमिकी 2017 में गोमती नगर पुलिस के पास दर्ज की गई थी और बाद में जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई। उन्होंने कहा कि मामले में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए हैं इसलिए वह जमानत का हकदार नहीं है।

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Former Gomti River Front advisor’s anticipatory bail plea rejected :  समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई गोमती रिवर फ्रंट विकास परियोजना में राज्य की राजधानी में गोमती रिवर फ्रंट का विकास करना शामिल था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में भ्रष्टाचार के संबंध में मार्च 2018 में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया था।

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