Maa Pateshwari State University: अब इस यूनिवर्सिटी ने कभी नहीं पढ़ाया जाएगा विदेशी आक्रमणकारियों का इतिहास!.. भारतीय संस्कृति, धर्म को मिलेगा महत्व

उत्तर प्रदेश: मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ाया जाएगा विदेशी आक्रमणकारियों का इतिहास

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  • Publish Date - June 13, 2025 / 05:36 PM IST,
    Updated On - June 14, 2025 / 10:16 AM IST

Maa Pateshwari State University removed foreign invaders History || Image- IBC24 News file

HIGHLIGHTS
  • विदेशी आक्रमणकारियों का इतिहास अब पाठ्यक्रम से हटाया जाएगा।
  • भारतीय संस्कृति, वैदिक परंपरा और संत परंपरा को प्राथमिकता।
  • विश्वविद्यालय में रोजगारपरक और शोध आधारित शिक्षा को बढ़ावा।

Maa Pateshwari State University removed foreign invaders History: गोंडा: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर स्थित मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि विश्वविद्यालय में विदेशी आक्रमणकारियों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा।

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एक दिवसीय दौरे पर गोंडा पहुंचे कुलपति श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज (एलबीएस डिग्री कॉलेज) में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन्होंने भारतीय संस्कृति को नष्ट किया, उन्हें विश्वविद्यालय की पाठ्यपुस्तकों (पाठ्यक्रमों) में महिमामंडित नहीं किया जाएगा। सिंह ने कहा कि पाठ्यक्रमों में भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपराओं को महत्व मिलेगा।

श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज (एलबीएस डिग्री कॉलेज) में आयोजित महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की एक बैठक में शामिल होने के लिए गोंडा पुहंचे प्रो. सिंह ने कहा कि अब विश्वविद्यालय में विदेशी आक्रमणकारियों के वह पाठ नहीं होंगे, जो भारतीय संस्कृति का दमन करते हैं बल्कि इनके स्थान पर विद्यार्थियों को भारतीय गौरवशाली इतिहास, वैदिक परंपरा, संत परंपरा और स्वतंत्रता संग्राम के अनछुए पहलुओं पर केंद्रित अध्ययन कराए जाएंगे।

Maa Pateshwari State University removed foreign invaders History: उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्र की आत्मा के अनुरूप ढालना आवश्यक है, न कि उन लोगों के अनुसार जो केवल विनाश और उपनिवेशवाद लेकर आए। प्रो. सिंह ने कहा, “अब समय आ गया है कि पाठ्यक्रम में वही बातें रहें, जो देश की आत्मा से जुड़ी हैं। विदेशी आक्रमणकारियों के महिमामंडन की बजाय भारतीय संस्कार, आचार, ग्रंथ, समाज और शौर्य को महत्व दिया जाएगा।” कुलपति ने बताया कि श्रावस्ती को बौद्ध व जैन शिक्षा का प्राचीन केंद्र माना जाता है।

उन्होंने कहा कि वहां तिब्बती समुदाय और बौद्ध तीर्थयात्रियों की निरंतर उपस्थिति को देखते हुए विदेशी भाषाओं का विभाग खोला जाएगा, जिससे श्रावस्ती को अंतरराष्ट्रीय भाषा केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद पर्याटन एवं ‘हॉस्पिटैलिटी’ पाठ्यक्रम की मांग तेजी से बढ़ी है और विश्वविद्यालय ने इस मांग को समझते हुए रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए इनकी शुरुआत की है।

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Maa Pateshwari State University removed foreign invaders History: कुलपति ने बताया कि गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के सभी संबद्ध महाविद्यालयों में आगामी 23 जून को शोध प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी, जिससे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और शोध की दिशा में बेहतर अवसर मिलेंगे।

प्रश्न 1: क्या मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय ने मुगलों का इतिहास पाठ्यक्रम से हटा दिया है?

उत्तर: जी हाँ, कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के अनुसार, विश्वविद्यालय ने विदेशी आक्रमणकारियों जैसे मुगलों के इतिहास को पाठ्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया है।

प्रश्न 2: विश्वविद्यालय अब किस प्रकार के विषयों को प्राथमिकता देगा?

उत्तर: अब पाठ्यक्रम में भारतीय संस्कृति, वैदिक परंपरा, संत परंपरा और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अनछुए पहलुओं को प्रमुखता दी जाएगी।

प्रश्न 3: क्या विश्वविद्यालय में नई शिक्षण पहल की जा रही है?

उत्तर: जी हाँ, विश्वविद्यालय श्रावस्ती में विदेशी भाषा विभाग, अयोध्या में हॉस्पिटैलिटी कोर्स और शोध प्रवेश परीक्षाएं शुरू कर रहा है ताकि विद्यार्थियों को रोजगारपरक और शोध आधारित शिक्षा मिल सके।