प्रयागराज मेघ मेला में मकर संक्रांति पर किन्नर संतों ने लगाई आस्था की डुबकी, हजारों की तादात में दिखी संख्या

Kinnar saints took a dip in Sangam on Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर किन्नर अखाड़े ने भी संगम के तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई।

प्रयागराज मेघ मेला में मकर संक्रांति पर किन्नर संतों ने लगाई आस्था की डुबकी, हजारों की तादात में दिखी संख्या

Kinnar saints took a dip in Sangam on Makar Sankranti

Modified Date: January 14, 2023 / 10:36 pm IST
Published Date: January 14, 2023 10:36 pm IST

Kinnar saints took a dip in Sangam on Makar Sankranti : प्रयागराज। संगम पर मकर संक्रांति स्नान रविवार से शुरू हो गया। भोर से ही श्रद्धालुओं का हुजूम संगम तट पर पहुंचने लगा। हर हर महादेव और हर हर गंगे के उद्घोष के साथ श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। मेले में सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया है। माघ मेला प्रशासन के द्वारा बताया गया है कि मकर संक्रांति स्नान पर्व पर आज अपराहन दो बजे तक लगभग नौ लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके है।

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Kinnar saints took a dip in Sangam on Makar Sankranti : सूर्य के उत्तरायण होने पर देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 घाटों पर डुबकी लगाने की व्यवस्था की गई है। इस बार भी मकर संक्रांति की डुबकी दो दिन लगेगी। शनिवार की रात सूर्य उत्तरायण हो रहे हैं, स्नान सुबह से ही आरंभ हो गया। लेकिन, पुण्यकाल की मान्यता रखने वाले रविवार को संक्रांति की डुबकी लगाएंगे।

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Kinnar saints took a dip in Sangam on Makar Sankranti : वहीं आज इस शुभ दिन यूपी में माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति के मौके पर किन्नर अखाड़े ने भी संगम के तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। हर-हर गंगे और ओम नमः शिवाय का उद्घोष करते हुए किन्नर संत गंगा के तट पर पहुंचे और गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के संगम में डुबकी लगाई। इस मौके पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां और वैष्णवी नंदगिरी समेत दूसरे किन्नर संतो ने जोशीमठ में आई त्रासदी से मुक्ति और वैश्विक महामारी कोरोना के खात्मे के लिए मां गंगा और यमुना से प्रार्थना की। किन्नर अखाड़े ने इसके साथ ही विश्व कल्याण की भी कामना की।

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Kinnar saints took a dip in Sangam on Makar Sankranti : किन्नर अखाड़े का अस्तित्व पिछले कुछ साल में उभरकर सामने आया है. किन्नर अखाड़ा का गठन साल 2013 में किया गया। सबसे पहले 2016 के उज्जैन में हुए कुंभ मेले के दौरान पहली बार किन्नर अखाड़ा चर्चा में आया था। इसके बाद 2019 में प्रयागराज के कुंभ मेले में किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े से मिलकर अपनी जोरदार मौजूदगी दर्ज कराई थी। किन्नरों के संत बनने का रास्ता इस अखाड़े के बनने के बाद से खुल गया है। किन्नर संत समलैंगिक समुदाय के वे लोग हैं, जिन्होंने संन्यास ले लिया है। प्रयाराज में मकर संक्रांति के मौके पर किन्नर संतों ने विश्व में शांति और देश की प्रगति की भी मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती से कामना की।

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किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां के मुताबिक इस बार भी माघ मेले में किन्नर अखाड़े का शिविर लगा है। जहां पर प्रतिदिन यज्ञ अनुष्ठान और शत-चंडी जाप हो रहा है। किन्नर संतों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे माघ मेले में आए साधु-संतों का दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करें। यहां आए ज्यादातर किन्नर संतों का समय पूजा-पाठ, भजन और हवन में बीतता है। इन किन्नर संतों को उनकी लाल-सफेद साड़ी से पहचाना जा सकता है।

 

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years