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Azam Khan News: रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आज़म खान तथा उनके बेटे, पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म के लिए एक बार फिर बड़ा कानूनी झटका सामने आया है। वर्षों से चल रहे दो पैन कार्ड जालसाजी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए सात-सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है। विशेष जज शोभित बंसल ने सभी धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई, जिसमें सबसे गंभीर धारा 467—कीमती सुरक्षा दस्तावेज की जालसाजी—के तहत अधिकतम सात वर्ष की कैद और दस हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। अदालत के इस फैसले से आज़म खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला की राजनीतिक राह और जटिल होती नजर आ रही है।
Azam Khan News: यह मामला वर्ष 2016 से जुड़ा है, जब 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार टंडा सीट से अब्दुल्ला आज़म ने नामांकन दाखिल किया था। आरोप है कि उनकी वास्तविक जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 है, जिसके अनुसार उस समय उनकी उम्र मात्र 24 वर्ष थी जबकि विधायक बनने के लिए न्यूनतम 25 वर्ष उम्र होना आवश्यक है। इस स्थिति से बचने के लिए, आज़म खान पर आरोप है कि उन्होंने बेटे की आयु बढ़ाने के उद्देश्य से एक दूसरा फर्जी पैन कार्ड बनवाया, जिसमें जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्शाई गई। इस फर्जी जन्मतिथि का इस्तेमाल अब्दुल्ला आज़म ने बैंक दस्तावेजों, पासबुक और चुनावी नामांकन पत्र में किया। इस तरह जालसाजी कर वे पात्रता न होने के बावजूद चुनाव लड़ने और विधायक बनने में सफल हुए।
Azam Khan News: भाजपा नेता और वर्तमान विधायक आकाश सक्सेना ने इस पूरे मामले का खुलासा किया था और उनकी शिकायत पर 2019 में सिविल लाइंस कोतवाली में आज़म खान और अब्दुल्ला आज़म के खिलाफ FIR दर्ज की गई। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420), जालसाजी (467, 468), जाली दस्तावेज का उपयोग (471) और आपराधिक साजिश (120-B) सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया। जांच के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि अब्दुल्ला आज़म के नाम से दो अलग-अलग पैन कार्ड मौजूद थे—एक में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 थी, जबकि दूसरे में 30 सितंबर 1990 दर्शाया गया था।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए दोनों को दोषी करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ जालसाजी का मामला नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ गंभीर छेड़छाड़ है। अदालत ने सभी धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई, हालांकि अधिकतम सजा धारा 467 के तहत सात वर्ष है, जिसके चलते दोनों को कुल मिलाकर सात वर्ष की कैद भुगतनी होगी।
Azam Khan News: गौरतलब है कि आज़म खान कुछ ही दिन पहले, 23 सितंबर को सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। लंबे समय से चल रहे तमाम मामलों में कुछ राहत मिलने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि कानूनी संकट कम होगा, लेकिन इस ताजा फैसले ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अब्दुल्ला आज़म भी इसी फैसले के चलते एक बार फिर जेल जाने के कगार पर खड़े हैं। यह फैसला न केवल खान परिवार की कानूनी स्थिति को प्रभावित करेगा बल्कि उनकी राजनीतिक भविष्यवाणी पर भी बड़ा असर डाल सकता है।