Mainpuri Suicide News: एक ही परिवार के 10 लोगों ने की खुदकुशी, पूरे इलाके में हो रही चर्चा, 10 साल का रिकॉर्ड देखकर पुलिस के भी पैरों तले खिसक गई जमीन

Mainpuri Suicide News: एक ही परिवार के 10 लोगों ने की खुदकुशी, पूरे इलाके में हो रही चर्चा, 10 साल का रिकॉर्ड देखकर पुलिस के भी पैरों तले खिसक गई जमीन

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  • Publish Date - July 7, 2025 / 10:27 AM IST,
    Updated On - July 7, 2025 / 10:27 AM IST

Mainpuri Suicide News: एक ही परिवार के 10 लोगों ने की खुदकुशी, पूरे इलाके में हो रही चर्चा / Image source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • 10 आत्महत्याएं एक ही परिवार में
  • 21 दिन पहले भी खुदकुशी
  • सामूहिक मानसिक स्वास्थ्य संकट का अंदेशा

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रजनी कांत तिवारी, मैनपुरी: Mainpuri Suicide News जिले के सकत बेवर गांव का एक परिवार अचानक चर्चा में आ गया है। पूरे इलाके में लोग इस परिवार की चर्चा करते नही थक रहे हैं। दरअसल इस परिवार में सुसाइड करना जैसे रिवाज हो गया है। जी हां बीते 10 साल में इस परिवार के 7 सदस्यों ने खुदकुशी की है। वहीं, शुक्रवार को इस परिवार के एक और युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी है। बताया जा रहा है कि मृतक जामुन खाने की बात कहकर घर से बहन का दुपट्टा लेकर निकला था, लेकिन वो लौटा ही नहीं। दोपहर में युवक की लाश खेत में फंदे पर लटकती मिली। ज्ञात हो कि 21 दिन पहले ही मृतक के चचा ने भी जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। फिलहाल मामले की सूचना मिलने से मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पीएम के लिए भेज दी है और आगे की कार्रवाई कर रही है।

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Mainpuri Suicide News मृतक के दादा हीरालाल की मानें तो मेरा पोता जितेंद्र सुबह 10 बजे घर से खाना खाकर खेतों की तरफ निकला था। उसने कहा था कि जामुन खाने जा रहा हूं, थोड़ी देर में लौट आऊंगा। धूप ज्यादा है इसलिए बहन का दुपट्टा लेकर जा रहा हूं। लेकिन वो काफी देर तक नहीं लौटा तो बेटा रामबरन खेतों की तरफ निकल पड़ा। दोपहर 2 बजे सूचना मिली कि पास के गांव दहेड़ के बाहर ही सतेंद्र के खेत में बेटे का शव कंज के पेड़ पर फंदे के सहारे लटक रहा है। ये सुनते ही घर में चीख पुकार मच गई।

बताया गया कि जितेंद्र जो दुपट्टा घर से लेकर आया था, उसी के सहारे उसने फंदा लगाया था। वहीं बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां रोते बिलखते पहुंची। वो कभी अपने हाथ जमीन पर पटकती तो कभी सिर। कहने लगी हे भगवान मेरे लल्ले को क्यों उठा लिया? थोड़े दिन पहले ही बिटिया भी चली गई, मेरा देवर भी चला गया और कितने लोग मरेंगे। ये कहते कहते वो बेसुध हो गई। लोगों ने किसी तरह उसे संभाला।

बता दें कि जितेंद्र की मौत से ठीक 21 दिन पहले उसके चाचा बलवंत ने आत्महत्या कर ली थी। जितेंद्र की सगी बहन सौम्या ने 4 महीने पहले घर में ही फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। जितेंद्र के चचेरे बाबा शेर सिंह ने भी साढ़े चार महीने पहले फांसी लगाकर जान दे दी थी। 5 साल पहले वर्ष 2020 में चाचा मनीष ने फांसी लगाकर जान दी थी। 8 साल पहले वर्ष 2017 में जितेंद्र के दूसरे चाचा पिंटू ने आग लगाकर खुदकुशी कर ली थी। 10 साल पहले वर्ष 2015 में जितेंद्र के चाचा संजू ने जहर खाकर जान दे दी थी।

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इससे पहले परिवार में सूरजपाल, महिपाल और रामसिंह भी सुसाइड कर चुके हैं। ये मौतें 2008 से 2015 के बीच हुई हैं। गांव के लोग कहने लगे इस परिवार पर पता नहीं क्या अनहोनी हो रही है? बीते 10 साल में 7 लोग अपनी जान दे चुके हैं। जबकि 2008 से लेकर 2025 तक यानी 17 साल में 10 लोग सुसाइड कर चुके हैं। एक ही परिवार में इतने लोगों के सुसाइड से गांव के लोग भी भयभीत हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

क्या सकत बेवर गांव में एक ही परिवार के 10 लोगों ने आत्महत्या की है?

जी हां, "सकत बेवर गांव आत्महत्या मामला" में एक ही परिवार के 10 सदस्य बीते 17 वर्षों में आत्महत्या कर चुके हैं।

"सकत बेवर गांव आत्महत्या मामला" में अब तक कितनी मौतें हो चुकी हैं?

इस मामले में वर्ष 2008 से 2025 तक कुल 10 लोग आत्महत्या कर चुके हैं, जिनमें अधिकांश घटनाएं पिछले 10 वर्षों में हुईं।

क्या पुलिस ने "सकत बेवर गांव आत्महत्या मामला" की जांच शुरू कर दी है?

जी हां, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी गई है।

क्या "सकत बेवर गांव आत्महत्या मामला" में किसी मानसिक बीमारी या सामाजिक कारण की पुष्टि हुई है?

अभी तक मानसिक या सामाजिक कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन लगातार आत्महत्याओं से मानसिक स्वास्थ्य संकट की आशंका जताई जा रही है।

"सकत बेवर गांव आत्महत्या मामला" में प्रशासन ने कोई सहायता या हेल्पलाइन शुरू की है क्या?

फिलहाल कोई हेल्पलाइन सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन इस तरह के मामलों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता व विशेषज्ञ जांच की मांग उठ रही है।