आबे के सहायक एवं प्रवक्ता योशिदे सुगा हो सकते हैं उनके उत्तराधिकारी

आबे के सहायक एवं प्रवक्ता योशिदे सुगा हो सकते हैं उनके उत्तराधिकारी

आबे के सहायक एवं प्रवक्ता योशिदे सुगा हो सकते हैं उनके उत्तराधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: September 2, 2020 11:00 am IST

टोक्यो, दो सितंबर (भाषा) जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिदे सुगा देश के निवर्तमान प्रधानमंत्री शिंजो आबे के उत्तराधिकारी हो सकते हैं। योशिदे, आबे के लंबे समय से सहायक रहे हैं और उनके प्रतिदिन के संवाददाता सम्मेलन में भी उनके साथ देखे जाते रहते हैं।

सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के आंतरिक मतदान से पहले प्रधानमंत्री पद के लिये योशिदे एक अहम दावेदार के रूप में उभर रहे हैं।

पार्टी के सदस्य सुगा पार्टी में किसी गुट से संबद्ध नहीं रहे हैं। उन्हें ऐसे व्यक्ति के तौर पर देखा जा रहा है जो आबे की नीतियों को आगे बढ़ा सकते हैं। इनमें अमेरिका के साथ जापान का सुरक्षा गठबंधन, कोरोना वायरस महामारी से निपटना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना आदि शामिल है।

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आबे के बाद की सरकार की अहम नीतियों के बारे में पूछे जाने पर सुगा ने इस बात का जिक्र किया कि कोरोना वायरस महामारी से निपटना सबसे बड़ी चुनौती होगी।

सुगा के बुधवार को अपनी उम्मीदवारी एवं अहम नीतियों की घोषणा करने की संभावना है। हालांकि, एक दिन पहले ही विदेश मंत्री फुमियो किशिदा और पूर्व रक्षा मंत्री शीगेरू इशिबा ने प्रधानमंत्री पद के लिये अपना इरादा जाहिर किया है।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों को लेकर कुछ ही दिन पहले पद से इस्तीफा दे दिया है।

सत्तारूढ़ पार्टी की मंगलवार को बैठक हुई और यह फैसला लिया गया कि 14 सितंबर को पार्टी के नेता के लिये और फिर प्रधानमंत्री चुनने के लिये मतदान होगा।

हालांकि, आबे विरोधी अपने रुख को लेकर इशिबा पार्टी के सांसदों के बीच लोकप्रिय नहीं हैं लेकिन ओपिनयन पोल में वह लोकप्रिय रहे हैं।

मृदुभाषी सुगा, जापान में सबसे लंबे समय तक मुख्य कैबिनेट सचिव रहे हैं। वह आबे के नीति समन्वयक एवं सलाहकार रहे हैं। वह प्रधानमंत्री कार्यालय की केंद्रीकृत शक्तियों की धुरी रहे हैं, जिसने नौकराशाहों पर नीतियां लागू करने के लिये जोर दिया।

उल्लेखनीय है कि सुगा को अपनी द्वेषपूर्ण प्रतिक्रिया के कारण पिछले साल विरोध प्रदर्शनों का भी सामना करना पड़ा था। दरअसल, एक अखबार के संवाददाता ने आबे की नीतियों की आलोचना पर उनसे कड़े सवाल पूछ दिये थे।

एपी सुभाष मनीषा

मनीषा


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