अब महिलाएं नहीं कर पाएंगी ये काम, इस्लामी मौलवियों ने जारी किया फरमान, लगाई पाबंदी

अब महिलाएं नहीं कर पाएंगी ये काम, इस्लामी मौलवियों ने जारी किया फरमान! Ban on advertising of women in this Country

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  • Publish Date - August 2, 2022 / 04:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

तेहरानः Ban on advertising of women ‘जैसा देश वैसा भेष’ ये बातें आपने कहावत में जरूर सुनी होगी और ये सच भी है। हर देश का अपना एक अलग कानून है, जिसके हिसाब से वहां की जनता को रहना पड़ता है। ईरान का भी अपना एक अलग कानून है, लेकिन यहां महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई है। बता दें कि इस्लामिक देशों में महिलओं को बहुत अधिक आजादी नहीं रहती, उन पर कई तरह की पाबंदियां होती है। हाल ही में ईरान ने महिलाओं पर एक और पाबंदी लगाई है।

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Ban on advertising of women दरअसल ईरान के कट्टर इस्लामी मौलवियों ने महिलाओं के विज्ञापन करने पर रोक लगा दी है। मौलवियों ने यह घोषणा एक विज्ञापन को लेकर छिड़ी बहस के बाद लिया गया है। इस विज्ञापन में एक महिला ढीला-ढाला हिजाब पहनकर आइसक्रीम खाती हुई नजर आ रही है। महिला क ये अंदाज मौलवियों को रास नहीं आई और उन्होंने फरमान कर जारी कर डाला। मौलवियों ने इस विज्ञापन को ’सार्वजनिक शालीनता के खिलाफ’ और ’महिलाओं के मूल्यों’ का अपमान करने वाला बताया है। साथ ही आइसक्रीम वाले विज्ञापन से ईरानी मौलवी भड़क गए थे। उन्होंने अधिकारियों से स्थानीय आइसक्रीम निर्माता डोमिनोज पर केस चलाने की अपील की है।

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अब ईरान के संस्कृति और इस्लामी मार्गदर्शन मंत्रालय ने इस मामले पर देश के आर्ट और सिनेमा स्कूलों को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि ’हिजाब और शुद्धता नियमों’ के अनुसार महिलाओं को अब विज्ञापनों में शामिल होने की इजाजत नहीं है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यह रोक सांस्कृतिक क्रांति की सर्वोच्च परिषद के फैसलों के तहत ही है। मौजूदा फैसले को कॉमर्शियल विज्ञापनों को लेकर ईरान के नियमों पर आधारित बताया जा रहा है, जो देश में लंबे समय से लागू हैं। इसके तहत न केवल महिलाओं बल्कि बच्चों और पुरुषों के ’इंस्ट्रूमेंटल यूज’ के तौर पर दिखाने पर रोक है। हालांकि यह सत्तारूढ़ प्रशासन की कठोरता पर निर्भर करता है।

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गौरतलब है कि 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ही ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना जरूरी है। मालूम हो कि इस क्रांति के बाद धार्मिक रूप से रूढ़िवादी कानूनों को देश में तेजी से लागू किया गया। यहां की महिलाएं जब भी इन नियमों का विरोध करने की कोशिश करती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।

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