ढाका, तीन मार्च (एपी) बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने विवादित डिजिटल सुरक्षा कानून के तहत सुनवाई से पहले 10 महीने से जेल में बंद कार्टूनिस्ट को बुधवार को जमानत दे दी।
कार्टूनिस्ट अहमद कबीर किशोर पर आरोप है कि उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने के सरकार के तरीकों को लेकर भ्रम पैदा किया है और देश में कानून-व्यवस्था खराब किया है। लेकिन अधिकार समूहों का कहना है कि किशोर के खिलाफ डिजिटल सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई उन्हें दबाने वाला कदम है।
किशोर फिलहाल ढाका के बाहर एक जेल में बंद हैं और उनके वकील का कहना है कि कार्टूनिस्ट को कैद में प्रताड़ित किया गया है।
उनके वकील ज्योतिर्मय बरुआ ने बताया कि उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने मेडिकल आधार पर कार्टूनिस्ट को जमानत दी है।
बरुआ ने अदालत को बताया कि प्रताड़ना के कारण किशोर के दाहिने कान से सुनाई देना लगभग बंद हो गया है और उनके बायें पैर पर चोट का स्थाई निशान पड़ गया है।
लेखक कमेंटेटर मुश्ताक अहमद की पिछले बृहस्पतिवार को हिरासत में मौत के बाद सड़कों और सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के बाद बुधवार को किशोर की जमानत पर फैसला हुआ।
किशोर और अहमद दोनों को पिछले साल पांच मई को गिरफ्तार किया गया था।
एपी अर्पणा उमा
उमा