Bangladesh Jamaat-e-Islami's press conference
नईदिल्ली। Bangladesh Jamaat-e-Islami’s press conference आरक्षण विरोधी आंदोलन के बाद बांग्लादेश में हालात बेकाबू हैं। शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर भागना पड़ा है। बांग्लादेश में भड़की ताजा हिंसा में 24 घंटों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि पिछले 3 हफ्तों में यहां हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी के साथ ही बांग्लादेश जमात-इ-इस्लामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और कहा, “जो देश के लिए काम कर रहे हैं उससे देश थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ रहा है इसको हम नकार नहीं सकते हैं। लेकिन अगर शासन व्यवस्था में गणतांत्रिक मूल्य मानव अधिकार नियम का पालन होता, कानून होता तो देश और आगे बढ़ सकता था। जो होना था हो चुका है। जो देश के ऊपर शासन किए, उनसे भूल हो सकती है लेकिन भूल और अपराध दो अलग बात हैं। अगर वो ज्ञान के अभाव में कुछ करते है तो यह गलत है। हमने देखा की जुलाई महीने के पहले हफ्ते से छात्र अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें बहुत से लोगों की जान भी गई है।
बांग्लादेश के मौजूदा हालात के बारे में डॉ. अमीर जमात. शफीकुर रहमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की
দেশের চলমান পরিস্থিতি নিয়ে আমীরে জামায়াত ডা. শফিকুর রহমান-এর সংবাদ সম্মেলন pic.twitter.com/sme8d4SQJC
— Bangladesh Jamaat-e-Islami (@BJI_Official) August 6, 2024
बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख का कहना है कि शेख हसीना ने छात्रों और आम जनता के बड़े पैमाने पर विद्रोह के सामने इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ दिया है। बहुत कम समय में राज्य चलाने के लिए एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। इस समय एक निहित स्वार्थी वर्ग कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करने की साजिश कर रहा है। खासकर, देश में अराजकता की स्थिति पैदा करने के लिए विभिन्न धर्मों से संबंधित पूजा स्थलों, घरों और चल-अचल संपत्तियों पर हमले हो सकते हैं। मैं बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के लोगों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं और साथी देशवासियों से अपील करता हूं कि वे चौकीदार की भूमिका निभाएं ताकि कोई भी ऐसी स्थिति पैदा न कर सके और तमाम धर्मों के लोगों पर हमला न कर सकें।