Joint declaration of SCO: शंघाई सहयोग संगठन के घोषणापत्र में पहलगाम हमले और पकिस्तान के करतूतों का जिक्र नहीं, भारत ने किया हस्ताक्षर से इंकार

राजनाथ सिंह का किंगदाओ हवाई अड्डे पहुंचने पर भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने स्वागत किया। सिंह के एससीओ सम्मेलन के दौरान अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की भी उम्मीद है।

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  • Publish Date - June 26, 2025 / 12:13 PM IST,
    Updated On - June 26, 2025 / 12:17 PM IST

India refused to sign the joint declaration at SCO || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • भारत ने एससीओ घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार।
  • घोषणापत्र में पहलगाम हमले का कोई उल्लेख नहीं।
  • घोषणापत्र में पहलगाम हमले का कोई उल्लेख नहीं।

India refused to sign the joint declaration at SCO: नई दिल्ली: चीन में जारी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत ने अपनी नाराजगी जताते हुए एससीओ की तरफ से जारी किये गए घोषणापत्र में हस्ताक्षर से साफ़ इंकार कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि शंघाई सहयोग संगठन के इस संयुक्त घोषणापत्र में दस्तावेजी तौर पर न ही पहलगाम में हुए हमले का जिक्र का था और न ही पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को बढ़ावा देने का उल्लेख। एससीओ ने इन घटनाओं को लेकर कोई विज्ञप्ति भी जारी नहीं किया है।

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चीन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

India refused to sign the joint declaration at SCO: गौरतलब है कि कल यानी बुधवार को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव आने के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की यह पहली चीन यात्रा है। राजनाथ सिंह का किंगदाओ हवाई अड्डे पहुंचने पर भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने स्वागत किया। सिंह के एससीओ सम्मेलन के दौरान अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की भी उम्मीद है।

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रक्षा मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने तथा आतंकवाद को समाप्त करने के लिए संयुक्त और सतत प्रयासों का आह्वान करने के लिए तत्पर हूं। ’’

प्रश्न 1: भारत ने एससीओ के संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए?

उत्तर: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का उल्लेख न होने पर असंतोष जताते हुए दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया।

प्रश्न 2: क्या इस सम्मेलन में भारत के रक्षा मंत्री शामिल हुए थे?

उत्तर: हाँ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के किंगदाओ में आयोजित एससीओ सम्मेलन में शामिल हुए।

प्रश्न 3: यह भारत-चीन संबंधों के लिहाज से क्यों अहम था?

उत्तर: मई 2020 के लद्दाख गतिरोध के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की यह पहली चीन यात्रा थी, जो द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।