Pahalgam attack | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Pahalgam attack पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 हिंदू तीर्थयात्रियों को सिर्फ उनके धर्म के आधार पर बेरहमी से मार दिया गया। भारत ने इस जघन्य हमले का सीधा आरोप पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इन आरोपों को नकार दिया। लेकिन अब हालात कुछ और ही इशारा कर रहे हैं।
Pahalgam attack पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में अब सरकार की हरकतें कुछ बड़ा संकेत दे रही हैं। पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने हाल ही में एक सभा में कहा कि नियंत्रण रेखा (LoC) के करीब बसे 13 निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों को दो महीने का राशन जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
इतना ही नहीं, स्थानीय प्रशासन ने एक ‘राहत कोष’ भी बना दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर बुनियादी सामान लोगों को मिल सके। सरकार ने सड़कों की मरम्मत और जरूरी सुविधाएं बहाल करने के लिए सरकारी और निजी कंपनियों को भी एलओसी के करीब भेजना शुरू कर दिया है।
इन तैयारियों के बाद पीओके में रहने वाले लोग डरे हुए हैं। खाने का स्टॉक जमा करने की सलाह, सड़कों की मरम्मत, और उड़ानों की रद्दीकरण जैसी बातें मिलकर किसी संभावित सैन्य तनाव या इमरजेंसी की ओर इशारा कर रही हैं।