डोकलाम विवाद पर भारत के साथ आया जापान

डोकलाम विवाद पर भारत के साथ आया जापान

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  • Publish Date - August 18, 2017 / 06:54 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

 

सिक्किम सीमा में डोकलाम क्षेत्र को लेकर भारत और चीन में जारी विवाद के बीच, जापान ने चीन को इशारों में कहा है कि ताकत के ज़ोर पर ज़मीनी सच्चाई को बदलने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. चीन और भूटान के बीच इस क्षेत्र को लेकर विवाद है और दोनों ही देश इसे विवादित क्षेत्र ही मानते हैं. विवादित क्षेत्रों में यह महत्वपू्र्ण हो जाता है कि इसमें शामिल किसी भी पक्ष को जमीन पर यथास्थिति बदलने के लिए एकतरफा सैन्य इस्तेमाल से बचना चाहिए और शांतिपूर्ण ढंग से विवाद सुलझाना चाहिए.

जापानी राजदूत के मुताबिक जहां तक भारत की भूमिका की बात है तो हम मानते हैं कि वह भूटान के साथ अपने द्विपक्षीय समझौते के आधार पर ही इस मामले में दखल दे रहा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी साफ किया है कि भारत कूटनीतिक चैनलों के जरिये बातचीत से इस विवाद के ऐसे हल की कोशिश करता रहेगा, जो दोनों पक्ष को स्वीकार्य हो. हमारा मानना है कि किसी विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिए यह रवैया महत्वपूर्ण है. बता दें कि डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच पिछले करीब दो महीनों से तनातनी जारी है. डोकलाम क्षेत्र सिक्किम के पास भारत-चीन-भूटान ट्राइजंक्शन पर स्थित है. यह इलाका भूटान की सीमा में पड़ता है, लेकिन चीन इसे डोंगलोंग प्रांत बताते हुए अपना दावा करता है.

चीन ने इस साल जून में जब डोकलाम के पास सड़क बनाने की कोशिशें शुरू कीं, तो भारतीय सैनिकों ने दखल देते हुए उनका काम रुकवा दिया. दरअसल भूटान के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत अपने इस पड़ोसी मुल्क की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसे में उसका दखल देना लाजमी हो जाता है. वहीं चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है और भारतीय सेना के दखल को ‘अतिक्रमण’ करार दिया है. चीन तब से ही युद्धउन्मादी बयान देते हुए भारत से अपने सैनिक हटाने को कह रहा है.