Khyber Pakhtunkhwa Massacre: एयरस्ट्राईक से फिर दहला पाकिस्तान, घाटी में बमबारी से 30 लोगों की मौत

Khyber Pakhtunkhwa Massacre: मिली जानकारी के अनुसार मातरे दारा गांव पर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के कथित हमलों में कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गई है। इनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इन हमलों कई घर मलबे में तब्दील हो गए और इसमें दर्जनों लोग नीचे दब गए।

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  • Publish Date - September 22, 2025 / 04:14 PM IST,
    Updated On - September 22, 2025 / 04:14 PM IST
HIGHLIGHTS
  • तिराह घाटी हमले में 30 नागरिकों की मौत हुई।
  • चीन निर्मित जेएफ-17 से एलएस-6 बम गिराए गए।
  • ग्रामीणों ने इसे निर्दोषों का कत्लेआम करार दिया।

पेशावर। Pakistan airstrikes Khyber Pakhtunkhwa: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के तिराह घाटी में रविवार रात दो बजे हुए भीषण हवाई हमले से पूरा इलाका दहला उठा। मिली जानकारी के अनुसार मातरे दारा गांव पर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के कथित हमलों में कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गई है। इनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इन हमलों कई घर मलबे में तब्दील हो गए और इसमें दर्जनों लोग नीचे दब गए।

चीन निर्मित जेएफ-17 से हमला

मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी वायुसेना ने अपने ही नागरिकों पर चीन के जेएफ-17 थंडर जेट का इस्तेमाल किया। इस दौरान करीब आठ एलएस-6 प्रिसिजन ग्लाइड बम गिराए। सूत्रों का दावा है कि गांव में किसी आतंकवादी की मौजूदगी की पुष्टि नहीं थी। ऐसे में सेना की ओर से टीटीपी ठिकानों को निशाना बनाने की दलील पर शक जाहिर किया जा रहा है।

इस हमले को वहीं स्थानीय लोगों ने ‘कत्लेआम’ करार दिया। उनका कहना है कि बमबारी ने पूरे बस्तियों को नष्ट कर दिया। गांव लाशों से भर गए हैं। इस हमले में मवेशियों, इंसानों को चपेट में ले लिया और घरों को ममबे में तब्दील कर दिया।

हमले के विरोध में जनजाति समाज का धरना

इस हमले के बाद आक्रोशित आकाखेल जनजाति ने जिरगा बुलाया। उन्होंने घोषणा की कि पुरुष और बच्चों के शव कॉर्प्स कमांडर हाउस के बाहर रखे जाएंगे। खैबर चौक पर धरना शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर निर्दोषों के कत्लआम का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि बड़े प्रदर्शन जल्द ही पेशावर में किए जाएंगे।

पाकिस्तानी सेना ने किया हमले से इनकार

वहीं पाकिस्तानी सेना ने इन हमलों से साफ मना कर दिया है। आईएसपीआर ने बयान में कहा कि यह हमला नहीं है। आतंकी बारूद विस्फोट हुआ था, जिसमें 12-14 आतंकियों के साथ 8-10 नागरिक मारे गए हैं। सेना ने टीटीपी पर आरोप लगाया कि उन्होंने घरों और मस्जिदों के पास विस्फोटक छिपाए थे। जिसकी वजह से यह हमला हुआ है।

सूत्रों के माने तो प्रिसिजन ग्लाइड बमों का इस्तेमाल साफ तौर पर जानबूझ कर की गई कार्रवाई है। बता दें कि हाल के हफ्तों में खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज हुई है।

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