(ललित के झा)
वाशिंगटन, 18 फरवरी (भाषा) पेंटागन ने बाइडन प्रशासन के तहत क्वाड समूह की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक से एक दिन पहले कहा कि भारत महत्वपूर्ण साझेदार है, खासतौर पर जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सभी चुनौतियों पर विचार करते हैं।
‘क्वाड मिनिस्टीरियल’ ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का अनौपचारिक समूह है।
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सभी चुनौतियों को देखते हुए।’’
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइज ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कल (बृहस्पतिवार) सुबह, मंत्री ब्लिंकेन और जापान, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के उनके समकक्ष एक साथ बात करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दौर की बढ़ती चुनौतियों, कोविड-19 से निपटने के हमारे प्रयासों में समन्वयन, जलवायु परिवर्तन तथा मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हमारे साझा लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए क्वाड के विदेश मंत्रियों की यह चर्चा अहम है।’’
हाल में जापानी मीडिया में आई खबर में कहा गया था कि क्वाड का शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर काम हो रहा है। हालांकि, अबतक बाइडन प्रशासन (अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन) ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ऐसी किसी बैठक के लिए सहयोगात्मक रवैया अपनाएंगे।
किर्बी ने कहा, ‘‘हमारे बीच (भारत के साथ) बहुत ही महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध है खासकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच। भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी है खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों के मद्देनजर।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री इस संबंध को प्राथमिकता दे रहे हैं और इसे बढ़ते, विकसित होते तथा और मजबूत होते देखना चाहते हैं। वह आगे बढ़ने के लिए इन पहलों पर काम करना चाहते हैं बजाय केवल ऐसे ही करने के।’’
अमेरिका द्वारा क्वाड गठबंधन के नवीनीकरण के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में कहा कि वह उम्मीद करती हैं कि संबंधित पक्षों के बीच संवाद वैश्विक स्थिरता के हित में होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि विकास एवं शांति समय की सबसे बढ़ी मांग है। हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्षों के बीच संवाद वैश्चिक स्थिरता के हित में होगा।’’
हुआ ने कहा, ‘‘ यह सकारात्मक ऊर्जा होनी चाहिए बजाय कि किसी खास देश को निशाना बनाने के लिए। हम उम्मीद करते हैं कि संबधित सहयोग मुक्त एवं सभी के लिए लाभदायक होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यही एक रास्ता है जिसके जरिये वे समय के साथ चल सकेंगे।’’
भाषा धीरज उमा
उमा