सितंबर से खुल जाएगा यह पर्यटन स्थल, लेकिन तीन गुना जेब करनी होगी ढीली..जानें वजह

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  • Publish Date - July 15, 2022 / 02:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

(This tourist place will open from September) : भूटान  – प्रकृति से घिरा भूटान देश अपनी सुंदरता और पारंपरिक वेशभूषा के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां न तो कोई बेघर और न ही कोई भूखा रह सकता है ऐसा इस देश का कानून है। इस देश की सरकार स्वच्छता और अपनी जनता का विशेष ध्यान रखती है। यहां पर प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों सैलानी इस देश की खूबसूरती देखने आते है। लेकिन लंबे समय से इस देश ने अन्य देशों से आ रहे सैलानियों के लिए अपने देश की सीमा का बंद कर दी थी। लेकिन अब सितंबर माह से यहां की सरकार ने सीमा को पुनः खोलने का फैसला लिया है।

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सितंबर माह से खुलेगी सीमा

This tourist place will open from September : कोरोना के चलते बहुत से देशों ने अपनी-अपनी सीमाओं को बंद कर दिया था और यात्रा पर रोक लगा दी थी, लेकिन धीरे-धीरे कोरोना का प्रकोप कम होते ही देशों ने अपनी सीमाओं को खोलते हुए यात्रा को चालू कर दिया वहीं भूटान देश ने अभी तक अपने देश की सीमाओं को पर्यटकों के लिए बंद रखी थी लेकिन भूटान 23 सितंबर को सीमा खोलने जा रहा है जो पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है।

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तीन गुना खर्च बसूलेगा भूटान

This tourist place will open from September : सीमा खोलने के साथ सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रति सैलानी से 200 डॉलर यानि 15,600 पहले से तीन गुना खर्चा बसूलने की तैयारी में लगाहुआ है। कोरोना काल से पहले यह खर्च लगभग 5000 था। भले ही कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है लेकिन भूटान ने अपने लोगों के रोजगार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। भूटान के करीब 50 हजार लोगों का रोजगार पर्यटन से ही चलता है।

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खर्चें में बदलाव की वजह

This tourist place will open from September : भूटान की अर्थव्यवस्था का अगर बड़ा माध्यम देखा जाए तो पर्यटक विभाग है। यहां पर घूमने आए सैलानियों द्वारा किए गया खर्च वहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है। यहां पर बने प्राकृतिकसामान या हस्तशिल्पी से निर्मित वस्तुओं का विक्रय सैलानियों को किया जाता है। लेकिन लंबे समय से यहां पर सैलानियों के आने पर प्रतिबंध लगाया गया था जिसका प्रभाव भूटान की अर्थव्यवस्था पर पड़ता हुआ नजर आ रहा था इसके साथ ही रोजगारों का जीवन भी अस्त-व्यस्त के रास्ते जाते हुए दिख रहा था। बढ़ती महंगाई के चलते और लंबे समय से सैलानियों पर प्रतिबंध के कारण देश की अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए यह फैसला लिया गया।

 

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